महाराष्ट्र सरकार ने डेयरी क्षेत्र के लिए मंगलवार को एक नया कदम उठाया है... सरकार ने दूध के निर्यात के लिए संघों को ₹ 5 प्रति लीटर और दूध पाउडर के निर्यात के लिए 50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किया है... वहीं सरकार घी और मक्खन पर वस्तु एवं सेवा कर को भी कम करने पर विचार कर रही है... यह घोषणा पशुपालन मंत्री महादेव जंकार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षा में विपक्षी नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के बीच एक बैठक के बाद विधानसभा में की...
जंकार ने कहा " 50 रु प्रति किलो की सब्सिडी बढ़ाने का यह निर्णय अगले दो महीनों तक जारी रहेगा... और एक बार अतिरिक्त दूध के मुद्दे की व्यवस्था उचित होने के बाद, कम कीमतों की समस्या भी हल हो जाएगी"।
घोषणा के बावजूद, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) ने आंदोलन के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है, क्योंकि उनका मानना है की इस फैसले से पैसा किसानों को नहीं दिया जाएगा बल्कि संघो को दिया जाएगा... एसएसएस नेता और लोकसभा सांसद राजू शेट्टी ने डेयरी किसानों की मांग पूरी नहीं होने पर मुंबई को दूध की आपूर्ति रोकने की धमकी दी... उन्होंने किसानों के खातों में सीधे प्रति लीटर 5 रु. की सब्सिडी जमा करने की भी मांग की... इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा की "यदि कर्नाटक में डेयरी किसानों को सब्सिडी दी जा सकती है तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं?"
इसके साथ ही डेयरी विभाग के एक अधिकारी के अनुसार राज्य में सहकारी संघ के द्वारा कुल दूध का 35 प्रतिशत ही इकट्ठा किया जाता है जिस पर सरकारी नियंत्रण है, वहीं 65 प्रतिशत निजी डेयरी मालिकों के द्वारा किया जाता है, तो यह संभव नहीं है की उन किसानों का डेटा तैयार किया जा सके जो निजी संघों को दूध देते हैं और इसलिए यह सिधे खाते में जमा नहीं किया जा सकता है...
(सोर्स लिडींग डेली)
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