देश के जनसंख्या के मामले में सबसे बड़े राज्य में अब मछली पालकों (Fish farmers) के लिए मोबाइल ऐप जारी किया है, जिसके माध्यम से मछली पालन की सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य विभाग ने 'यूपी फिश फार्मर्स' (UP Fish Farmer's) ऐप को लांच किया है, जिसके जरिये मछली पालकों को निःशुल्क मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, मत्स्य कृषक क्रेडिट कार्ड और भारत सरकार द्वारा संचालित अन्य दूसरी कल्याणकारी योजनाओं को बताया जाएगा. इस ऐप में मछली पालन की सभी पुरानी और नई चल रही सरकारी योजना के बारे में बताया गया है. मछली पालक कब क्या करें और कैसे करें इन सभी बातों को ध्यान में रखा गया है.
ऐप को लांच करते हुए पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री ने कहा कि “नीली क्रान्ति योजना’’ (Blue revolution Scheme) के तहत प्रदेश में मत्स्य उत्पादकता व मत्स्य उत्पादन वृद्धि के लिए सघन मत्स्य पालन माध्यम से 188 इन्फ्रास्ट्रक्चर इकाइयां स्थापित की गयी है. इन इन्फ्रास्ट्रक्चर इकाईयों में प्रमुख रूप से रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (Recirculatory aquaculture system), मत्स्य बीज हैचरी, छोटी और बड़ी मत्स्य आहार मिलें निजी क्षेत्र में स्थापित करायी गयी है. तीन वर्षों में 2215 मछुवारों के आवास आवंटित किये गए. प्रदेश में मथुरा, अलीगढ़ क्षेत्र में खारे पानी के कारण बेकार जमीन पर श्रिम्प फार्मिंग (खारे पानी का झींगा) का उत्पादन सफलतापूर्वक पहले ही हो गया है.” आगे मंत्री जी कहते हैं अगले पांच वर्षों के लिए 4000 हेक्टेयर के क्षेत्र के पानी में फिश फार्मिंग (Fish farming) के लिए 588 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार ने जारी किए हैं. मछली के व्यापार और बिक्री के लिए मत्स्य विक्रेताओं को 510 मोटर साइकिल के साथ बर्फ का डिब्बा (Ice box) दिये गए है. जिनका उपयोग लॉकडाउन के समय कोल्ड चेन के रूप में मत्स्य विक्रेताओं को मत्स्य बिक्री में लाभदायक रहा.’’
उत्तर प्रदेश, मत्स्य विभाग के उप निदेशक ने इस मोबाइल ऐप के बारे में बताया कि- "इस ऐप के माध्यम से मछली पालक के साथ ही मछली पालन से जुड़े हर किसी को विभाग की योजनाओं से जोड़ा जाएगा. उन्हें समय-समय पर हर एक योजना की जानकारी मिलती रहेगी. उत्तर प्रदेश के पशुधन, मत्स्य विकास व दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी इसे लांच किया है. यूपी को इस वर्ष 21 नवंबर को मत्स्य दिवस पर बेस्ट मछली उत्पादक का भी पुरस्कार मिला है."
क्या है रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम तकनीक (What is Recirculatory Aquaculture System technique)
आरएएस (RAS) ऐसी तकनीक है, जिसमें पानी का बहाव लगातार बनाने की व्यवस्था की जाती है. इसमें कम पानी और कम जगह की आवश्यकता पड़ती है. इस तकनीक में सबसे पहले आपको 625 वर्ग फीट बड़ा और 5 फीट गहरा सीमेंट का टैंक बनवाना होगा. इस टैंक को बनवाने के बाद आप इसमें कुल 4 हजार मछली पाल सकते है. उत्तर प्रदेश में अभी तक हज़ारों मछली पालकों ने इस तकनीक को अपनाकर अच्छा मुनाफा कमाया है. सामान्य तौर पर एक एकड़ तालाब में 20 हजार मछली डाली जा सकती हैं और एक मछली को 300 लीटर पानी में रखा जाता है लेकिन इस आरएएस सिस्टम के जरिए एक हजार लीटर पानी में 110-120 मछली डाल सकते हैं. यूपी सरकार का मत्स्य विभाग इसके लिए सब्सिडी भी दे रहा है.
ऐप में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया (Process to register in the app)
गूगल के प्ले स्टोर से इस ऐप को सीधे डाउनलोड कर सकते हैं. डाउनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन में अपना नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी जन्मतिथि, पिता का नाम, जिला, ब्लॉक, पूरा पता और आपके व्यवसाय को कॉलम में भरना होगा. इसके साथ बैंक डिटेल भी भरनी पड़ेगी. यह प्रक्रिया करने के बाद मोबाइल फोन पर ओटीपी आएगा जिससे यह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है. इसके बाद एडमिन की तरफ से एप्रूवल आता है, उसके बाद ही लॉगिन किया जा सकता है. इसके बाद ही इस ऐप का उपयोग किया जा सकता है. इसमें मछली पालन से संबन्धित सभी जानकारी मिलती रहेगी. यह ऐप सिर्फ मछली पालन से संबन्धित लोगो के लिए ही है अतः इसे एप्रूवल किया जाता है.
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