हिमाचल प्रदेश में जल्द ही पॉली हाउस का मॉडल बदलने वाला है. यहां के कृषि विभाग ने भी इसके लिए तैयारी को शुरू कर दिया है. विभाग को इस बदलाव के लिए सहमति का बेसब्री से इंतजार है. समय के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में टेक्नॉलोजी बदलती जा रही है जिसके सहारे आज कृषि क्षेत्र लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है.
दरअसल हिमाचल प्रदेश का कृषि विभाग जापान के मॉडल के आधार पर प्रदेश के नए मॉडल को लागू करने जा रहा है, इसमें दो से तीन मॉडल है जिनको विभाग प्रदेश में लाने का कार्य कर रहा है. इसके लिए पूरी तरह से खाका तैयार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि विभाग ने इसके डिजाईन को भी विकसित कर लिया है. इन मॉडलों के लागू होने के पहले जो कमियां पॉली हाउस में पाई जा रही थी वह अब सामने नहीं आएगी.
नाबार्ड से मांगी गई स्वीकृति
यहां पर पॉली हाउस के डिजाइन के लिए और उसके मॉडल के लिए नाबार्ड को एप्रुवल भेजी गई है. जैसे ही इसको नाबार्ड अप्रुव करेगा. वैसे ही कृषि विभाग किसानों को नये मॉडल लगाने में प्रदेश में स्वीकृति देगा, क्योंकि जो मॉडल यहां पर स्थापित किए जाएंगे वह पहले ही जापान में सफल रहे है.
इन पॉली हाउस के मॉडल में जो बदलाव किया गया है उनमें दो तीन प्रकार के मॉडल बनाए गए है. सभी मॉडल जापान के ही है. इसमें एक साधारण मॉडल तो दूसरा हाईड्रोपोनिक मॉडल और तीसरा हायर टेक्नोलॉजी का मॉडल भी शामिल है. इस तरह की तकनीकों को अपनाकर किसान बेहतर उत्पादन पा सकते है.
सब्सिडी में बदलाव नहीं
पॉली हाउस को लगाने पर जो सब्सिडी 85 प्रतिशत पहले किसानों को मिलती थी वही इस बार भी मिलेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. ताकि किसानों के लिए पॉली हाउसों में ज्यादा उत्पादन हो सके. इस बारे में डायरेक्टर ने कहा कि डिजाईन और तकनीक के बारे में ज्यादा नहीं बताया जा सकता है. अभी इसकी अपूरवल मांगी गई है.यह सही है कि नए मॉडल से पॉली हाउस में ज्यादा उत्पादन होगा.
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