1. Home
  2. ख़बरें

इस सब्ज़ी को खरीदने के लिए लगती हैं लम्बी कतारें, भारत में सिर्फ यहाँ मिलती है

प्रकृति ने अपने गर्भ में ऐसी कई कीमती चीजें छिपा रखी हैं, जो बेहद स्वादिष्ट होने के साथ स्वास्थ्य के लिहाज भी कीमती. ऐसी एक सब्ज़ी है नकीमा जो सिक्किम राज्य का तोहफा है. नकीमा सिर्फ सिक्किम में ही पाई जाती है.

श्याम दांगी
nakima

प्रकृति ने अपने गर्भ में ऐसी कई कीमती चीजें छिपा रखी हैं, जो बेहद स्वादिष्ट होने के साथ स्वास्थ्य के लिहाज भी कीमती. ऐसी एक सब्ज़ी है नकीमा जो सिक्किम राज्य का तोहफा है. नकीमा सिर्फ सिक्किम में ही पाई जाती है. यह दुर्लभ और कड़वी किस्म की होती है. इसके बावजूद यहाँ के लोगों की पसंदीदा सब्ज़ी है. नकीमा का स्वाद लोगों किस कदर पसंद है इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि लोग इससे खरीदने के लिए लम्बी लम्बी लाइनें लगाते हैं. यह सिक्किम वासियों के लिए एक विशिष्ट व्यंजन है.

लोगों को इंतज़ार रहता है

सिक्किम गवर्नमेंट कॉलेज के अस्सिटेंट प्रोफ़ेसर और राइटर सत्यदीप छेत्री का कहना हैं कि जिसे नकीमा की सब्ज़ी का शौक़ लग जाए वह इसे भूल नहीं सकता. इसमें बड़ी मात्रा में प्रोटीन और विटामिन -सी होता है. यह सिक्किम की राजधानी गंगटोक के लोगों की चहेती सब्ज़ी है और लोगों में काफी लोकप्रिय है. जो कि समुद्र तल से 1650 मीटर की ऊंचाई पर उगती है. जिसे सितम्बर और अक्टूबर के महीने में हल्की ठंडी और नमी के बीच देखा जा सकता है. जब यहाँ बारिश काफी कम हो जाती है और मानसून में तब्दीली होकर ठंडी पड़ती है, तब से नकीमा की सब्ज़ी मिलती है. स्थानीय लोगों को इसका बेसब्री से इंतज़ार रहता है.  

nakima

प्रोटीन और फाइबर से भरपूर

 नकीमा के फूल सितम्बर के महीने में प्रकंदों से उगते हुए पौधों में बदल जाते हैं. जिनकी लम्बाई तक़रीबन ढाई फीट की होती है. इस वजह से इसके फूल ज़मींन से सटे होते हैं. इसके पौधे समुद्र से 4 हज़ार फीट की ऊंचाई के जंगलों में खूब पैदा होता है. एक रिसर्च के अनुसार, सिक्किम अलावा यह हमारे पड़ौसी देश नेपाल और भूटान में भी खूब लोकप्रिय है, वहां के निवासी इसे मांस के साथ में खाना ज्यादा पसंद करते हैं. नकीमा में प्रोटीन और फाइबर बढ़ी मात्रा में होता है. यह सिक्किम के गंगटोक के अलावा सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग में पाया जाता है. 

600 से 700 रूपये

इसकी सितम्बर महीने की पहली फसल की बाजार में जबरदस्त मांग होती है. यह 600 से 700 रूपये आसानी से बिकता है. नकीमा को पानी में उबालने पर इसकी कड़वाहट कम हो जाती है, वहीं फूलों का रंग बैंगनी होने लगता है. वहीं बहुत स्पंजी और मुलायम हो जाता है. इसकी सब्ज़ी गर्म चावल के साथ बड़े चाव से खाई जाती है. हालांकि एक समय पर नकीमा गरीबों और वंचितों का भोजन माना जाता था लेकिन जैसे ही इसके स्वाद के बारे में पता चला नकीमा लोकप्रिय हो गया. वहीं नकीमा के उत्पादन ने यहां के स्थानीय किसानों की माली हालत भी ठीक कर दी. जहाँ इसकी शुरूआती फसल 600 से 700 रूपये किलो बिकती है, वहीं बाद में 200 से 300 रूपये का भाव थोक बाजार में देती है. नवम्बर में इसकी फसल समाप्त हो जाती है. कुछ किसान नकीमा को समुद्र सतह से 1200 से 1500 मीटर की ऊंचाई पर प्राकृतिक रूप से ऊगा रहे हैं. 

English Summary: the nakima chronicles a sikkim treat that charms gourmands Published on: 28 September 2020, 05:37 PM IST

Like this article?

Hey! I am श्याम दांगी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News