किसानों व पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादन को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
इस योजना के तहत सभी गौ-भैंस वंशीय पशुओं कृत्रिम गर्भाधान करने का लक्ष्य तय हुआ. आइए आपको इस योजना से जुड़ी कुछ खास जानकारी देते हैं.
योजना के पूरे हुए 2 चरण
केंद्र सरकार की इस योजना ने 2 चरण पूरे कर लिए हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश में तीसरे चरण की शुरुआत 1 अगस्त 2021 से हो चुकी है. बता दें कि सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सबसे अधिक राशि स्वीकृत की गई है.
भारत सरकार की तरफ से इसके लिए लगभग 63 करोड़ 43 लाख रूपए से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई है. इस राशि में से लगभग 26 करोड़ 77 लाख 66 हजार रुपए जारी कर दिए है.
14 राज्यों के लिए राशि की गई स्वीकृत
पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री प्रेमसिंह पटेल द्वारा जानकारी मिली है कि इस योजना के तहत देश के 14 राज्यों के लिए राशि स्वीकृत की गई है. इसमें सबसे ज्यादा राशि मध्यप्रदेश को मिली है. बता दें कि मध्यप्रदेश ने इस योजना के दूसरे चरण में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. इस राज्य ने 50 हजार गौ-भैंस वंशीय मादा पशुओं में लक्ष्य को पूरा किया.
देश में अब तक हुए कृत्रिम गर्भाधान
मध्यप्रदेश में राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का पहला चरण 15 सितंबर, 2019 से 31 मई, 2020 तक चला है. इसके साथ ही दूसरा चरण 1 अगस्त, 2020 से 31 जुलाई 2021 तक क्रियान्वित हुआ. इस कार्यक्रम के पहले चरण में 8 लाख 10 हजार गौवंश का कृत्रिण गर्भाधान किया गया.
तो वहीं दूसरे चरण में 17 लाख 55 हजार कृत्रिम गर्भाधान किए गए. इस दौरान राज्य के लगभग 500 गांवों में 50 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य तय किया गया था.
मध्य प्रदेश में योजना का तीसरा चरण
जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का तीसरा चरण सभी जिलों में 1 अगस्त 2021 से शुरु होकर 31 मई 2022 तक चलने वाला है.
इस दौरान जिन गावों में पहले और दूसरे में कृत्रिम गर्भाधान नहीं हुआ, उन गांवों को तीसरे चरण में प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना के तहत तीसरे चरण में सभी जिलों में लगभग 17 लाख 24 हजार पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य तय किया है.
खास बात यह है कि राज्य में कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता को प्रति सफल 150 रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा दूसरा और तीसरा बछड़ा होने पर 100-100 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी.
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