प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत, केंद्र सरकार लगभग 14 करोड़ किसानों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये सालाना मुहैया कराएगी है. यह राशि सीधे डीबीटी (DBT) मोड के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. सरकार ने 1 अगस्त, 2019 के बाद किस्त का लाभ उठाने के लिए आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन, इसमें मार्च 2020 तक जम्मू और कश्मीर, असम और मेघालय के किसानों के लिए छूट दी गई है.
इस पर सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "आधार को जोड़ने में थोड़ा समय लग रहा था जिसके चलते हमें समय अवधि 30 नवंबर तक बढ़ानी पड़ी. उन्होंने यह भी कहा कि इससे उन किसानों को भी लाभ मिल सकेगा, जो किसी कारणवश इसका लाभ उठाने में सक्षम नहीं रहें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि सरकार की एक अनूठी योजना है जिसका लाभ लगभग 14 करोड़ किसानों को मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि केवल 2 राज्य पश्चिम बंगाल और दिल्ली योजना में अभीतक शामिल नहीं हुए हैं.
मंत्री ने कहा कि तारीख के विस्तार से काश्तकारों को आगामी रबी बुवाई के मौसम के लिए फसल इनपुट खरीदने में मदद मिलेगी. जैसे-जैसे किसान सर्दियों की बुवाई के मौसम के लिए तैयार हो रहे हैं, उन्हें विभिन्न कृषि गतिविधियों जैसे कि बीज की खरीद, मिट्टी की तैयारी, सिंचाई, मशीनरी की रखरखाव और उपकरणों के खरीद जैसी अन्य कार्यों के लिए पैसे की आवश्यकता होती है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "आधार कार्ड नंबर के साथ गैर-लाभकारी लाभार्थियों के विवरण से पैसे रिलीज में देरी होगी जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ेगी. इसलिए आधार को जोड़ने की अनिवार्यता में ढील दी गई है”. केंद्र ने कहा कि लाभ लेने के लिए 1 दिसंबर 2019 के बाद से आधार की अनिवार्यता लागू होगी.
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