इस दौरान दोनों देशों में कृषि विकास की क्षमता के मद्देनजर कृषि, जल प्रबंधन, पर्यावरण व ग्रामीण विकास के क्षेत्र में आधुनिक कृषि तकनीकों, क्षमता निर्माण, ज्ञान हस्तांतरण व समर्थन के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान तोमर ने उम्मीद जताई कि इजराइल के सहयोग से भारत में उत्कृष्टता केंद्रों का बेहतर संचालन हो रहा है, जो आगे सभी राज्यों में स्थापित किए जा सकेंगे.
बातचीत के दौरान, माशाव के कृषि सहयोग कार्यक्रमों और भारत में अन्य हितधारकों के पेशेवर प्रशिक्षण गतिविधियों की सराहना की गई. केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार को क्षमता निर्माण और ज्ञान के हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत में माशाव की गतिविधियों को अपनाने की संभावनाओं का पता लगाना है, जिसके लिए प्रत्येक राज्य में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
तोमर ने कहा कि पिछले दो दिनों में, मैंने प्रतिनिधिमंडल सहित, कृषि में इजराइल की मजबूती और नवाचार को देखा है. उन्होंने, इजराइल के रेगिस्तानी क्षेत्रों को वेजिटेबल बास्केट में बदलने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत सरकार, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी, मशीनीकरण, स्मार्ट व टिकाऊ पद्धतियों और कृषि व्यवसाय मॉडल के साथ किसानों को सशक्त बनाकर कृषि क्षेत्र में तेजी से परिवर्तन ला रही है.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने खुशी जताते हुए कहा कि बागवानी में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के मॉडल ने गति पकड़ी है और अब 12 भारतीय राज्यों में 29 इजरायली उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) पूरी तरह से कार्य कर रहे हैं.
इजरायल के कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री फोरर के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान विचार-विमर्श, देश में कृषि विकास की दिशा में बेहद फायदेमंद रहा.
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