असम और दार्जिलिंग की तरह मेघालय की चाय भी जल्द एक ब्रांड बन सकती है। राज्य के किसान अब अनुकूल मौसम और उर्वरा मिट्टी के कारण चाय की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
मेघालय में करीब 2,000 हैक्टेयर क्षेत्र चाय की खेती के दायरे में है। इनमें से आधी ऐसी झाडियां हैं जो करीब पांच बरस पहले लगाई गई हैं। जहां के किसान सालाना 7 लाख टन चाय का उत्पादन कर रहे हैं। इनमें से 75 प्रतिशत का उत्पादन रसायनों का इस्तेमाल किए बिना होता है। चाय उत्पादन हर साल धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अपनी बेहतरीन गुणवत्ता की वजह से मेघालय की चाय को ब्रिटेन, यूरोप और आॅस्ट्रेलिया में भी ग्राहक मिल रहे हैं।
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