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बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को लाभ, उत्पादन बढ़ाने पर जोर, जानें क्या है सरकार का प्लान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से बाजरे के MSP में वृद्धि, किसानों को सीधा लाभ मिल रही है. ऐसे में 'श्री अन्न' घोषित करने के बाद राजस्थान में बाजरे के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हुई है. जानें सरकार की योजनाएं और समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के फायदे

लोकेश निरवाल
Millet MSP Increase
श्री अन्न को प्रोत्साहित करने से बढ़ा बाजरे का समर्थन मूल्य (Image Source: Freepik)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से मोटे अनाज को 'श्री अन्न' के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है. बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से किसानों की आय बढ़ी है और वे अधिक उत्साह के साथ इसकी खेती कर रहे हैं. सरकार की नीतियों और योजनाओं से बाजरा उत्पादन में वृद्धि होने की पूरी संभावना है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होगी.

वहीं, राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोटे अनाज को 'श्री अन्न' घोषित करने के बाद बाजरे के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हुई है. इसका सीधा लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है.

बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि

मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा श्री अन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. इसके तहत किसानों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें अधिक उपज के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है, जिससे किसानों को उचित दाम मिल रहे हैं.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में पिछले दस वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वर्ष 2014 में बाजरे का समर्थन मूल्य ₹1250 प्रति क्विंटल था, जो 2024 में बढ़कर ₹2625 प्रति क्विंटल हो गया है. उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 में विभिन्न राज्यों में बाजरे की खरीद इस प्रकार हुई.

  • गुजरात: 936 किसानों से 3,818 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया.
  • हरियाणा: 1,59,067 किसानों से 4,48,387 मीट्रिक टन की खरीद हुई.
  • उत्तर प्रदेश: 16,817 किसानों से 1,01,311 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया.

बाजरा उत्पादन के आंकड़े

मंत्री ने विधायक पब्बाराम विश्नोई के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बाजरे के उत्पादन के आंकड़े भी साझा किए—

  • 2021-22: 43.13 लाख टन
  • 2022-23: 59.18 लाख टन
  • 2023-24: 43.82 लाख टन

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बाजरा खरीद के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था और न ही इस अवधि में MSP पर खरीद हुई. सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए बाजार आधारित तंत्र पर जोर दिया जा रहा है.

किसानों को मिल रहा लाभ

बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है. इससे प्रदेश के किसान बाजरे की खेती की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं.

  • बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ने से किसानों की आमदनी में सुधार हुआ है.
  • बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं लागू कर रही है.
  • बाजरे की बढ़ती मांग से किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिल रही है.

राजस्थान में बाजरे की खेती का महत्व

राजस्थान में बाजरा एक प्रमुख फसल है और इसे कम पानी वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है. राज्य सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक और उन्नत बीजों की सुविधा प्रदान कर रही है, जिससे बाजरे की पैदावार में बढ़ोतरी हो रही है.

सरकार की योजनाएं और प्रयास

राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर किसानों को श्री अन्न की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके तहत विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें उन्नत बीज, सिंचाई की सुविधाएं और मार्केटिंग सपोर्ट शामिल हैं. इसके अलावा, सरकार बाजरे के भंडारण और विपणन के लिए भी नई रणनीतियां बना रही है.

English Summary: support price of millet increased due to promotion of Shri Anna Published on: 21 March 2025, 01:36 PM IST

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