खेती-बाड़ी के क्षेत्र में किसानों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अनेक योजनाओं के तहत किसानों की मदद करती आई है. सरकार का मानना है देश की तरक्की तभी संभव है, जब देश के किसान खुश रहेंगे.
शनिवार को भागलपुर कृषि विश्वविधालय के सभागार की ओर से प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया था.
आत्मा योजना के तहत किसान पुरस्कार सर्वश्रेष्ट समूह पुरस्कार एवं देसी व समेकित पोषक तत्व प्रबंधन सर्टिफिकेट कोर्स के प्रशिक्षित प्रतिभागियों का प्रमाण पत्र सौंपा गया.
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सूबे के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-2021 अन्तर्गत जिले के सभी 16 प्रखंडों में खेती-बाड़ी से सम्बंधित धान, गेहूं, आलू, दुग्ध (पशुपालन) एवं मछली पालन प्रक्षेत्रों में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले 66 सफल किसानों को ‘किसान श्री’ सम्मान से पुरष्कृत किया गया.
इतना ही नहीं किसानों को दस हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. वहीं जिला स्तर पर सर्वाधिक उत्पादन करने वाले पांच किसानों को किसान गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
वहीं इन किसानों को पचीस हजार रुपए के साथ प्रशस्ति पत्र व अंग वस्त्र द्वारा सम्मानित किया गया. आत्मा योजना द्वारा गठित किसान हित समूहों में सर्वश्रेष्ठ समूह पुरस्कार के लिए चयनित किसानों को बीस हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. आत्मा योजना द्वारा संचालित देसी निवेश डीलरों के लिए कृषि विस्तार सेवा कार्यक्रम अन्तर्गत प्रशिक्षित 38 सफल अभ्यर्थियों एवं समेकित पोषक तत्व प्रबंधन सर्टिफिकेट कोर्स के लिए प्रशिक्षित चार बैच के कुल 120 सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र दिया गया. इस अवसर पर कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य के किसानों द्वारा कृषि एवं अन्य प्रक्षेत्रों को आधुनिक तकनिकी का उपयोग कर उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है.
इसको मद्देनजर रखते हुए आगे भी इन विषयों पर काम किया जाएगा. ऐसे प्रगतिशील उत्पादक किसानों को आत्मा योजनान्तर्गत किसान पुरस्कार कार्यक्रम के तहत सम्मानित किया जा रहा है, और आगे भी किया जाएगा. किसान पुरस्कार कार्यक्रम के दौरान पूरे बिहार के प्रगतिशील किसानों को प्रखंड, जिला व राज्य स्तर पर सम्मानित करने एवं उनकी पहचान राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है.
इतना हीं नहीं गांवों में भी सीमित संसाधनों वाले किसानों को किसान हित समूह के माध्यम से संगठित खेती करने एवं अपने उत्पाद का प्रशस्करण के द्वारा आत्मनिर्भर के साथ साथ रोजगार और बड़े मंडियों तक अपने उत्पाद बिक्री करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सर्वश्रेष्ठ समूह पुरस्कर योजना (2020-21 ) उन्होने बताया कि भागलपुर जिले में आत्मा का कार्य किसानों के हित में काफी उपयोगी है.
सबौर के कुलपति डॉ. अरूण कुमार के द्वारा समारोह की अध्यक्षता शुरू की गयी. कुलपति ने किसानों का जोश बढ़ाते हुए बताया कि जिले के किसान विषम परिस्थितियों में भी कृषि, मछली, पशुपालन, उद्यान आदि क्षेत्रों में नवीनतम उन्नत तकनिक का प्रयोग कर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं, और उन्होंने ख़ुशी जताते हुए कहा की मुझे गर्व है कि वो इसमें सफल भी हुए हैं. साथ ही कृषि में शिक्षित युवाओं द्वारा बड़ी संख्या में कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित कर उद्यम की ओर बढ़ रहे हैं.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डा. आर के सोहाने ने कहा कि आत्मा योजना द्वारा किसानों के हित में किसान प्रशिक्षण परिभ्रमण, किसान मेला, किसान पाठशाला आदि कार्यक्रमों के माध्यम से जिले के महिला-पुरुष किसानों को सामूहिक खेती के लिए संगठित किया गया है.
कृषि उद्यमी ई-किसान चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से कृषि वैज्ञानिको, विशेषज्ञों, जिले के विभिन्न विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा किसानों की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ नवनीतम तकनिकी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.
संयुक्त निदेशक (शष्य) अरूण कुमार के द्वारा आयोजन के उद्देश्यों की जानकारी दी गई. जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकान्त झा के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया. उप परियोजना निदेशक आत्मा प्रभात कुमार सिंह के द्वारा मंच का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया गया.
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