केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता में संपन्न कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की अंतर-सत्र बैठक के दौरान कृषि के लिए कुछ नवीन योजनाओं की जानकारी दी। इनमें मृदा,सिंचाई के लिए नई योजनाएं शामिल हैं। कृषि मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य देश के सामने रखा है। जिसको हासिल करने के लिए कृषि मंत्रालय लगातार काम कर रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने एक सात सूत्रीय कार्यनीति का भी आह्वान किया है जिसके प्रमुख बिंदु निम्नवत हैं :
1- प्रतिबूंद अधिक फसल का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पर्याप्त बजट के साथ सिंचाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना।
2- प्रत्येक खेत की मिट्टी स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तायुक्त बीजों और पोषक तत्वों को उपलब्ध कराना।
3- फसलोंपरान्त नुकसान से बचने के लिए वेयरहाउसिंग और शीत भंडार गृहों का बड़े पैमाने पर निर्माण करना।
4- खाद्य प्रसंस्करण के जरिए मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना।
5- राष्ट्रीय कृषि मंडी की स्थापना करने के साथ-साथ 585 मंडियों से अव्यवस्था समाप्त करके ई-प्लेटफार्म बनाना।
6- कृषि संबंधी जोखिम को कम करने के लिए उचित लागत वाली एक नई कृषि बीमा स्कीम शुरू करना।
7- मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और मछली पालन जैसे सहायक कार्यकलापों को बढ़ावा देना।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने यह विचार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की अंतर-सत्र बैठक में रखे। सिंह ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने संबंधी लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना, मृदा स्वास्थ्य स्कीम, नीम लेपित यूरिया और ई-राष्ट्रीय कृषि मंडी स्कीमें कुछ ऐसी प्रमुख स्कीमें हैं जिनके द्वारा किसानों की उत्पादकता और आमदनी में सुधार लाने का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने संबंधी मामले की जांच के लिए सभी संबंधित विभागों और नीति आयोग के सदस्यों सहित सीएओ, एनआरएए की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। अब तक समिति की छह बैठकें आयोजित की जा चुकी है।
इसके अतिरिक्त कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि उद्यम विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आरकेवीवाई के दिशा निर्देशों में परिवर्तन किया जा रहा है। कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने 2017-18 तक 24 मिलियन टन दलहन उत्पादन करने की कार्य योजना तैयार कर ली है। प्रति बूंद अधिक फसल का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नाबार्ड ने 5000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक धनराशि के साथ एक समर्पित सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया है।
जाहिर है कि कृषि से आय को बढ़ाने के लिए कृषि की मूलभूत समस्याओं के लिए योजनाएं बनानी होंगी जिससे किसानों के समक्ष आने वाली समस्याओं का निवारण किया जा सके साथ ही किसानों को बाजार उपलब्ध कराने का भी कार्य करना है जिसके लिए कृषि मंत्रालय प्रमुख बिंदुओं पर विचार करते हुए इन परियोजनाओं पर कार्य करने का लक्ष्य रखा है।
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