बिहार में खरीफ महाभियान का सह महोत्सव आज से शुरू हो गया है। यह बात बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कृषि विभाग द्वारा खरीफ मौसम में विभिन्न फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने तथा राज्य के किसानों की आमदनी में वृद्धि करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम कार्यान्वित किये जायेंगे। किसानों को उत्पादन तथा विभाग के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत देय अनुदान सुलभता एवं पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराने के लिए इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए खरीफ महाभियान-सह-महोत्सव, 2018 का आयोजन किया जायेगा।
खरीफ मौसम में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के लिए निर्धारित लक्ष्य एवं लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रशासनिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से तकनीकी क्षमता के विकास पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आज बामेती, पटना के सभागार में राज्यस्तरीय खरीफ कर्मशाला का आयोजन किया जायेगा। इसी प्रकार, 14 मई को प्रमंडलस्तरीय खरीफ कर्मशाला का आयोजन प्रत्येक प्रमंडलीय मुख्यालय में आयोजित होगा। इस कर्मशाला में कृषि विभाग के पदाधिकारियों को खरीफ मौसम की योजनाओं व कार्यक्रमों के संबंध में तकनीकी एवं प्रशासनिक दायित्वों की जानकारी सहित क्षमता का विकास किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि 17 मई को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में प्रशासनिक पदाधिकारी तथा कृषि विभाग से जुड़े पदाधिकारियों उत्पादान विक्रेताओं व प्रगतिशील किसानों को श्रीविधि से धान की खेती, जीरो टिलेज एवं सीड ड्रिल से धान की खेती, पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की खेती, धान की सीधी बोआई, जैविक खेती, कृषि यांत्रिकरण, कृषि ऋण, पशुपालन, मत्स्यपालन आदि विषयों के संबंध में प्रशिक्षित किया जायेगा।
प्रखंडस्तरीय प्रशिक्षण-सह-उपादान वितरण का आयोजन 23-31 मई तक किया जायेगा। खरीफ महाभियान में किसानों को विभिन्न खरीफ फसलों, बागवानी फसलों, बागवानी से संबंधित बीज/उपादान तथा कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदानित दर पर उपादान उपलब्ध कराया जायेगा। प्रखंड स्तर पर आयोजित कार्यक्रम के पहले दिन किसानों को कृषि की उन्नत तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण एवं कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जायेगी तथा दूसरे दिन किसानों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदानित दर पर उपादान का वितरण किया जायेगा।
डॉ कुमार ने कहा कि खरीफ, 2018 में 34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान का आच्छादन एवं 102 लाख मेट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार, मक्का के लिए 4.75 लाख हेक्टेयर आच्छादन एवं 18 लाख मेट्रिक टन उत्पादन लक्ष्य रखा गया है। खरीफ दलहन के लिए 1़75 लाख हेक्टेयर आच्छादन तथा दो लाख मेट्रिक टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अन्य मोटे अनाज का आच्छादन लक्ष्य 0़50 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 0़50 लाख मेट्रिक टन रखा गया है। इस प्रकार, खरीफ मौसम में कुल 41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आच्छादन एवं 122़50 लाख मेट्रिक टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खरीफ मौसम में 0.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तेलहन का आच्छादन किया जायेगा जिसका उत्पादन लक्ष्य 0.24 लाख मेट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इन लक्ष्यों को शत्-प्रतिशत प्राप्त किया जायेगा, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी।
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