आज के समय में बिजली हमारे जीवन का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके बिना आज हम एक दिन भी नहीं रह सकते हैं, लेकिन इसे बनाने में बहुत ज्यादा संसाधनों का उपयोग होता है. जैसे भारत की बात की जाए, तो यहां पर ज्यादातर बिजली कोयले से बनाई जाती है, जिसके चलते प्रदूषण के स्तर में काफी बढ़ोत्तरी होती है.
आज के समय में प्रदूषण को कम करने के लिए सोलर प्लांट एक बहुत अच्छा विकल्प है. इसी सोलर पावर प्लांट को लेकर चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग ने एक अच्छा फैसला लिया है, जिसके तहत अब 250 गज से अधिक के मकानों की छत पर सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा. विभाग का कहना है कि इस फैसले से लोगों को काफी फायदा होगा.
पर्यावरण विभाग के निदेशक का बयान
पर्यावरण विभाग के निदेशक देबेंद्र दलाई ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 500 गज के मकानों पर सोलर पावर प्लांट लगाने के फैसले के बाद बहुत सारे लोगों को काफी फायदा हुआ था, इसलिए अब 250 गज के मकानों पर भी सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य किया जाएगा. इसके अलावा जिस भी घर पर सोलर पावर प्लांट लगा है उसका बिल भी लगभग शून्य हुआ है.
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सोलर पावर प्लांट लगाने के फायदे
पर्यावरण विभाग के निदेशक के अनुसार, इस सोलर पावर प्लांट लगाने के कई सारे फायदे हैं, इसलिए इसे लेकर एक प्रस्ताव बनाकर एस्टेट ऑफिस को भेजा गया है. नए प्रस्ताव को लागू करवाने के लिए बिल्डिंग बायलॉज में भी संशोधन करने की जरूरत होगी.
अभी मौजूदा समय में जिन बिल्डिंगों की क्षमता ज्यादा है, वे भी कम क्षमता वाला सोलर प्लांट लगा रहे हैं,
इसलिए आगे इमारत की जितनी क्षमता होगी उसका अध्ययन किया जाएगा. उसके बाद प्लाट के मालिक को उतनी ही क्षमता वाले पावर प्लांट को लगाने की सलाह दी जाएगी.
इस मॉडल को मंजूरी मिलना है बाकी
चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग बिना खर्च घर की छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए रेस्को मॉडल नाम से एक स्कीम लेकर आया था, जिसे अब तक शहर में लागू नहीं किया गया है, क्योंकि मॉडल को लागू करवाने के लिए जेईआरसी से मंजूरी लेनी है और उसकी मंजूरी के बाद इस स्कीम के तहत शहर में घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे.
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