जब किसान अपनी फसल को मंडी में बेचने जाता है तो हमेशा उत्पाद के मूल्य को लेकर कोई न कोई परेशानी जरुर होती है. मध्य प्रदेश में भावांतर योजना लागू होने के बाद किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. मुख्यमंत्री द्वारा लागू की गयी इस योजना के बाद भी किसानों को मंडी में उपज का सही भाव नहीं मिलने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा किसानों को उनका माल खरीदने पर पचास रूपये नगद देने की घोषणा पर भी अमल नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद किसान लगातार हंगामा कर रहे हैं.
किसानों ने मध्य प्रदेश की कई मंडियों में हंगामा किया. हालाँकि इस हंगामें के बाद प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन पर किसानों ने मंडियों में खरीददारी शुरू होने दी. किसानों का गुस्सा थमने का नाम नही ले रहा है. किसानों का कहना है कि उनको उनके उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिल रहा है और न ही उनको नगद भुगतान किया जा रहा है. किसानों का आरोप है कि उनसे मुख्य फसल सोयाबीन भी सही मूल्य पर नही खरीदी जा रही है, उन्होंने कहा कि व्यापारी जान बूझकर किसानों से फसलें, सही दामों में नही खरीद रहे हैं. बहरहाल सरकारी आश्वासन पर किसानों ने मंडी में खरीदारी को शुरू करा दिया है.
-इमरान खान
Share your comments