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25 दिन से जमीन में गड़े बैठे किसानों को सरकार कर रही है अनदेखा...

जयपुर के नींदड़ गांव में जमीन में समाधि लगाए किसानों का 25 वां दिन पूरा हो गया, मगर राजस्थान सरकार के मंत्रियों से किसानों की बातचीत नही हो पाई है और अफसरों के साथ नौ दौर की बातचीत भी सफल नही हो पाई है. नींदड़ में किसान अपनी जमीन बचाने के लिए पिछले 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से ही जमीन में गड़कर समाधि लगाए बैठे हैं.

 

जयपुर के नींदड़ गांव में जमीन में समाधि लगाए किसानों का 25 वां दिन पूरा हो गया, मगर राजस्थान सरकार के मंत्रियों से किसानों की बातचीत नही हो पाई है और अफसरों के साथ नौ दौर की बातचीत भी सफल नही हो पाई है. नींदड़ में किसान अपनी जमीन बचाने के लिए पिछले 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से ही  जमीन में गड़कर समाधि लगाए बैठे हैं.

पहले केवल 22 किसान ही जमीन के अंदर समाधि लगाए बैठे थे, मगर अब इनकी संख्या 275 हो गई है. जिसमें बच्चे-बूढे और महिलाएं भी शामिल हो गईं हैं. रोजाना बढ़ रही है जमीन में समाधि लेनेवाले किसानों की संख्या.

दरअसल, जयपुर विकास प्राधिकरण ने इन किसानों को जमीन खाली करने के नोटिस थमा दिए थे. सरकार का कहना है कि ये भूमि 2010 में ही कॉलोनी बनाने के लिए अधिग्रहीत की जा चुकी है, जबकि किसानों का आरोप है कि राजस्थान सरकार किसानों की जमीन कॉलोनी बसाकर ऊंचे दाम पर बेचकर पैसा कमाने के लिए लेना चाह रही है और ये किसान किसी भी कीमत पर अपनी जमीन देने के लिए तैयार नही है. किसानों ने दिवाली इसी तरह जमीन में गड़े-गड़े मनाई थी और महिलाओं ने इसी जगह करवा चौथ का व्रत खोला था.

नींदड़ के जीवत राम करीब 78 साल के हो गए हैं, मगर उम्र के इस पड़ाव पर अपनी जमीन बचाने के लिए गड्ढ़े में बैठे हैं. इनका कहना है कि उनके दो पड़पोते और नौ पोते हैं. एक बेटा विकलांग है. इसी जमीन से खाते हैं. आंवला- नीम तक का पेड़ लगाया है, सब छिन छाएगा. इसी तरह 80 साल की बुजुर्ग धापु कहती हैं कि उनके पांच पोते और आठ बेटे हैं, कहां जाएंगे इस जमीन को छोड़कर. बोलते-बोलते आंखों में आंसु आ जाती है. वे कहती हैं कि मर जाएंगे, लेकिन जमीन छोड़कर कहां जाएंगे.

जयपुर सीकर हाइवे पर ये विरोध प्रदर्शन जयपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजना को लेकर है, जहां सरकार ने 2010 में किसानों की खेती की जमीन लेकर कॉलोनी बसाने की योजना बनाई थी. मगर अब जाकर किसानों को सरकार ने अपनी जमीनें सरेंडर करने के लिए नोटिस थमाया है. वो अब विरोध करने के लिए भूमि समाधि ले रहे हैं.

उधर सरकार से इन  किसानों की कोई बातचीत अब तक शुरू नही हो पाई है और किसान नेता नगेंद्र सिंह शेखावत कह रहे हैं कि अफसरों से अब कोई बातचीत नही होगी, क्योंकि अफसर जमीनों को दुबारा सर्वे कर नए सिरे से मुआवजे की बात मानने के लिए तैयार नही हो रहे हैं.नींदड में खेती की जमीन की अवाप्ति योजना के खिलाफ किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. किसानों ने ज़मीन अवाप्ति के ख़िलाफ़ जमीन में समाधि लेकर धमकी दी है कि जब तक सरकार व जयपुर विकास प्राधिकरण हमारी जमीन के अधिग्रहण को निरस्त नही करेंगे, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. गले तक जमीन में गड़े लोग कह रहे हैं कि जब तक सरकार उनकी जमीनें नहीं लौटाती, तब तक इसी तरह जमीन में गड़े रहेंगे.

राजस्थान सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अंदर आने वाले जयपुर विकास प्राधिकरण ने करीब 1350 बीघा में कॉलोनी काटने के लिए किसानों की जमीन लेने के लिए नोटिस थमा रखा है.

 

 

English Summary: The government is ignoring the farmers sitting in the ground for 25 days ignoring ... Published on: 27 October 2017, 04:55 AM IST

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