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तो इन वजहों से भेड़पालन फायदेवर है, ऊन उत्पादन के लिए भारत में अधिक प्रचलन में है भेड़पालन

भारत में भेड़ पालन भी काफी समय से किया जाता है। बताया जाता है विदेशों में कई प्रकार की संकरित प्रजाति की भेड़ का विकास भारतीय प्रजातियों के आधार पर किया गया। आइए इस लेख में हम भेड़ पालन की जानकारी के साथ में उनके विकास एवं भारत में समकालीन स्थिति पर चर्चा करेंगे।

भारत में भेड़ पालन भी काफी समय से किया जाता है। बताया जाता है विदेशों में कई प्रकार की संकरित प्रजाति की भेड़ का विकास भारतीय प्रजातियों के आधार पर किया गया। आइए इस लेख में हम भेड़ पालन की जानकारी के साथ में उनके विकास एवं भारत में समकालीन स्थिति पर चर्चा करेंगे।

भारत में कई राज्यों में भेड़ पालन काफी प्रचलन में है। भारत में विकसित भेड़ों की प्रजातियां कई मायनों में अहम है। यह किसान को दूध, मीट आदि कई तरीके से आमदनी में वृद्धि कराती है। जिनके लिए क्षेत्रीय प्रजातियां विकसित की गई।

ऊन उत्पादन-

ऊन के साथ-साथ मीट का उत्पादन के लिए भारत में भेड़ पालन काफी प्रचलन में है। भेड़ के बच्चों को स्लाटर हाउस में मीट उत्पादन के लिए बेचा जाता है। भारत में औसत मीट उत्पादन प्रति बच्चे से काफी अच्छा है। डाटा के अनुसार 9.05 किलोग्राम प्रति भेड़ रिकार्ड किया गया। लेकिन मीट उत्पादन के लिए भेड़ प्रजाति का विकास काफी कम है। क्योंकि भेड़ों का पालन खासकर ऊन उत्पादन के लिए किया जाता है।

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर ऊन का निर्यात या यूं कहें कि ऊन के व्यापार काफी बड़े स्तर पर होने से भारत में भेड़ पालन काफी अधिक है।


आप शायद नहीं जानते कि भेड़ का दूध डेयरी विदेशों में काफी प्रचलन में जिसके कारण वहां भेड़पालन काफी अधिक किया जाता है। माना जाता है कि भेड़ का पालन दूध उत्पादन के दृष्टिकोण से काफी पहले से किया जा रहा है। विश्व में भेड़ दूध उत्पादन में 1.3 प्रतिशत तक साझा करता है।

भेड़ के दूध में विटामिन की अधिक मात्रा पाई जाती है। विटामिन ए, बी व ई के साथ-साथ लियोनिक एसिड होने के कारण कैंसर से लड़ने की अधिक क्षमता होती है। मोटापे से निपटने के लिए भेड़ का दूध काफी फायदेवर साबित होता है। पनीर उत्पादन के लिए भी भेड़ का दूध से विश्व में कुल पनीर उत्पादन का 1.3 प्रतिशत साझा किया जाता है।

भेड़ उत्पादन के क्षेत्र-

भारत में भेड़पालन जम्मू कश्मीर, हिमाचल व हिमालयी रीजन में काफी होता है। तो वहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी काफी बड़े स्तर पर किया जाता है। ऊन उत्पादन उत्तर प्रदेश,राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल व गुजरात में होता है। एक भेड़ से 0.9 किलोग्राम तक औसत ऊन उत्पादन दर्ज किया गया है। 2014-15 के दौरान ऊन का उत्पादन 48.1 प्रतिशत रिकार्ड किया गया।

भारत में भेड़ की प्रमुख प्रजातियां-

उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में जालौनी, राजस्थान में जैसलमेरी, जम्मू-कश्मीर में भकरवाल, छत्तीसगढ़ में छत्तोंगपुरी, उड़ीसा में गंजम, हिमाचल में गद्दी, मारवाड़ी राजस्थान व गुजरात में प्रचलित भेड़ की प्रजाति हैं।

मालपुरा प्रजाति का क्रास ब्रीड काफी अच्छा रिकार्ड किया गया है। मीट उत्पादन के लिए इस प्रजाति का विकास किया जा रहा है।  

English Summary: So for these reasons sheep wages are beneficial, wool production is in vogue in India Published on: 08 February 2018, 01:02 AM IST

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