देश पर कोरोना वायरस का गहरा संकट मंडरा रहा है. इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. इसके साथ आम आदमी के लिए भी कई संकट खड़े हो गए हैं, लेकिन सबसे बड़ा संकट देश के अन्नदाता पर छाया है. एक तरफ मौसम ने रबी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा दिया था. अब दूसरी तरफ किसानों को कोरोना वायरस का संक्रमण डरा रहा है. हालांकि, सरकार द्वारा किसानों की हर संभव जरूरत को पूरा किया जा रहा है. लॉकडाउन की स्थिति में कृषि कार्यों को जारी रखने की अनुमति मिल गई है. इतना ही नहीं, किसानों की उपज की सरकारी खरीद भी समय पर की जाएगी. इसके लिए क्रय केंद्र खोले जा रहे हैं, ताकि किसानों को खेतीबाड़ी में कोई नुकसान न उठाना पड़े. इसके साथ ही उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य मिल पाए, इसी कड़ी में यूपी सरकार के निर्देशों के अनुसार झांसी प्रशासन ने अहम फैसला किया है.
बटाईदार और ठेकेदार भी क्रय केंद्रों पर बेचेंगे गेहूं
आपको बता दें कि किसानों के साथ-साथ बटाईदार और ठेकेदार भी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेच सकेंगे. इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. बता दें कि जिले में लगभग 57 क्रय केंद्रों का अनुमोदन हो चुका है. कोरोना संकट की वजह से गेहूं खरीद एक अप्रैल से आगे बढ़ा दी गई है. सरकार ने बटाईदार और ठेकेदार के साथ-साथ गेहूं की बुवाई करने वालों को भी गेहूं क्रय करने का अधिकार दिया है.
इस तरह क्रय केंद्र पर बेच पाएंगे गेहूं
बटाईदार और ठेकेदार को किसान से एक सहमति पत्र लेना होगा. इसके बाद लेखपाल से संपर्क करना पड़ेगा. इसके साथ ही बटाईदार और ठेकेदार को वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा. तभी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने का अधिकार मिल पाएगा.
ऐसे पहुंचेगा खाते में पैसा
आपको बता दें कि इस बार गेहूं खरीद का पैसा किसान, बटाईदार और ठेकेदार के खाते में आरटीजीएस से नहीं डाला जाएगा, बल्कि पीएफएमएस से डाला जाएगा.
नियमों के मुताबिक...
अगर किसान लगभग 100 क्विंटल से ज्यादा गेहूं बेचता है, तो किसान को एसडीएम से अनुमति लेनी होगी. बता दें कि इस बार गेहूं खरीद के कुछ नियमों में बदलाव हुआ है. गेहूं की खरीद 15 अप्रैल से शुरू हो जाएगी. इसका समर्थन मूल्य 1940 रुपए तय किया गया है.
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