जहां आज के समय में सभी लोग प्राकृतिक हथकंडों (Natural Tricks) को अपनाने के पीछे भाग रहे हैं, और बायोगैस (Biogas) जैसे प्रदूषण रहित चीज़ों का उपयोग कर रहे हैं. तो ऐसे में आपको यह समझने की जरूरत है कि गाय के गोबर (Cow Dung) का व्यवसाय कोई शर्म नहीं बल्कि गर्व की बात है. दरअसल, आवारा मवेशियों (Stray Cattle) का उत्तर प्रदेश (UP) में एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उभरने के साथ "चुनावी चक्रव्यू" रचना शुरू हो गया है.
छुट्टा जानवरों से कैसे करें धन अर्जित (How to earn money from stray animals)
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा है कि 10 मार्च के बाद चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद इससे निपटने के लिए एक नई नीति पेश की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने छुट्टा जानवरों के गोबर से आय अर्जित (Earning income from free animal dung) करने की भी बात कही है.
छुट्टा जानवर क्यों बन रहे राजनीतिक केंद्र (Why are animals becoming political centers)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Elections) में विपक्षी पार्टियां योगी सरकार पर आवारा जानवरों के मुद्दे पर निशाना साधती रही है. कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मुद्दे पर बीजेपी पर घेराबंदी कर रहे हैं. इसका जिक्र दोनों नेता अपनी रैलियों में करते हैं.
वहीं अखिलेश (Samajwadi) ने ऐलान किया है कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है, तो सांडों के कारण जान गंवाने वालों को 5 लाख रुपये की मदद मिलेगी.
दूसरी ओर प्रियंका गांधी ने यूपी के मतदाताओं से छत्तीसगढ़ के मॉडल पर आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करने का वादा किया है. इसके तहत किसानों से गाय का गोबर खरीदने का वादा किया गया है. इस मुद्दे पर पड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (BJP) ने एक बड़ा ऐलान किया है.
एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “हम यूपी के किसानों को छुट्टा जानवरों के कारण हो रही समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं. जिसके लिए हमने रास्ते खोज लिए हैं. 10 मार्च को नई सरकार बनने के बाद हम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उन सभी नई योजनाओं को लागू ताकि जिन पशुओं ने दूध देना बंद कर दिया है, आप उनके गोबर से आय अर्जित कर सकेंगे. एक दिन ऐसा आएगा की जब लोगों को लगेगा, यार, घर में छुट्टा जानवरों को बांध लो, इसे भी कामई होने वाली है".
क्या है आवारा मवेशियों की समस्या (What is the problem of stray cattle)
हाल के वर्षों में, भाजपा का चुनावी घोषणापत्र (BJP Manifesto) राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और गाय पर केंद्रित है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को आश्रय में जानवर की देखभाल करते देखा गया है और उन्होंने जनता से कसम खाई है कि वह उनकी रक्षा करने के साथ उनको कटने से बचाएंगे.
2020 में, यूपी सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था. जिसमें गोहत्या को एक अपराध माना गया है. ऐसे में अपराधी को 10 साल तक के कठोर कारावास और 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान करना होगा.
पूर्वी यूपी में आगामी चरण से पहले, भाजपा ने राज्य के प्रत्येक किसान को 900 रुपये प्रति गाय देने का भी वादा किया है. कई जिलों में गायों की बढ़ती संख्या में प्रतिबंध का असर देखा जा रहा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पशुधन जनगणना 2019 में गोरखपुर (2.53 लाख में से 2.87 लाख), देवरिया (2.88 लाख में से 2.88 लाख) और मिर्जापुर (2.88 लाख में से 5.11 लाख) जैसे पूर्वी जिलों में मवेशियों में भारी वृद्धि देखी गई है.
किसानों की समस्या भी की जाएगी हल (Farmers' problem will also be solved)
उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी आवारा पशुओं की घुसपैठ को रोकने के लिए कई 'गौशाला' (Gaushala) स्थापित की हैं. लेकिन, किसानों को लगता है कि यह पर्याप्त नहीं है.
कई किसानों का कहना है कि आवारा पशुओं का खतरा उनके लिए भी घर पर है. कृषि समाज के लिए खेतों के चारों ओर कांटेदार तार लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह एक महंगा निवेश है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च के बाद इस समस्या के समाधान का वादा किया है.
गणतंत्र दिवस ने भी बताई गोबर की क़ीमत (Republic Day also told the price of cow dung)
वहीं दूसरी ओर गाय के गोबर से ग्रामीणों को आर्थिक मजबूत बनाने वाली छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Scheme of Chhattisgarh) की सफलता की मिसाल इस बार गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade 2022) में देखने को मिली है. यह हर भारतीय के लिए यह गर्व की बात है कि गाय के गोबर से लोग अपना रोजगार चला रहे हैं. ख़ासकर इससे छत्तीसगढ़ की महिला समुदाय का आर्थिक विकास तेज़ी से बढ़ रहा है.
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