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आजीविका मिशन से आत्मनिर्भर बन रही ग्रामीण महिलाएं : नरेंद्र तोमर

केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरस आजीविका मेला2018 का उद्घाटन के दौरान कहा कि आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। मेले में भाग ले रहे सभी कुशल कारीगरों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण गरीब विशेषकर स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों का आर्थिक और सामाजिक दर्जा सुधारने के लिए कार्य कर रहा है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरस आजीविका मेला2018 का उद्घाटन के दौरान कहा कि आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। मेले में भाग ले रहे सभी कुशल कारीगरों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण गरीब विशेषकर स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों का आर्थिक और सामाजिक दर्जा सुधारने के लिए कार्य कर रहा है। मंत्रालय इस दिशा में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्म विश्वासी, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना है।

सरस आजीविका मेला ग्रामीण महिला उत्पादकों को प्रत्यक्ष विपणन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का प्रयास है, ताकि ग्रामीण महिला उत्पादक बिना किसी बिचौलिए के अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि मंत्रालय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा अन्य उत्पादकों को अपने उत्पाद बेचने में प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण हाटों को प्रोत्साहित करता है। मंत्रालय की योजना वित्त वर्ष 2018-19 में पूरे देश में 22,000 ग्रामीण हाट स्थापित करने की है।

इस अवसर पर तोमर ने डीएवाई-एनआरएलएम कार्यक्रम के दो प्रकाशनों ,स्वयं सहायता समूह की निर्देशिका, जो सरस आजीविका मेला 2018 में भाग ले रहे स्वयं सहायता समूह की सूची है और इसमें उनके उत्पाद और संपर्क के ब्यौरे हैं तथा ग्रामीण महिलाओं के उद्यमों का सारांश, (जिसमें व्यक्तियों तथा महिलाओं के सामूहिक उद्यम की सफलता की 32 गाथाएं संकलित हैं) का भीलोकार्पण किया।

मिशन 2011 में लांच किया गया था और अब यह बढ़कर 29 राज्यों और पांच केन्द्रशासित प्रदेशों के584 जिलों के 4456 ब्लॉकों तक हो गया है। मिशन ने 4.7 सदस्य परिवारों 39.9 लाख स्वयं सहायता समूह को सक्रिय किया है, जो आगे 2.20 लाख ग्राम संगठनों और 19,000 कलस्टर स्तर के फेडरेशन हो गए हैं। वित्तीय समावेश कार्यक्रम हिस्से के रूप में मिशन ने महिला स्वयं सहायता समूह को151,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया, जिसमें संपूर्ण महिला सहायता समूह पोर्टफोलियो में एनपीए लगभग 2.6 प्रतिशत है। 

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एमकेएसपी) नामक उपयोजना लगभग 33 लाख महिला किसानों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने और आजीविका को विविध संपत्ति आधार देने में समर्थन दे रही है।

English Summary: Rural women becoming self-reliant with livelihood mission: Narendra Tomar Published on: 27 March 2018, 11:31 PM IST

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