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175 Rupee Coin: बाजार में जल्द दिखेगा ये नया सिक्का, 4 धातुओं से होगा तैयार

आपने बहुत सिक्के देखे होंगे, लेकिन भारत सरकार बहुत ही जल्दी 175 रुपए के सिक्के को जारी करने जा रही, जिससे आपने कभी नहीं देखा होगा...

लोकेश निरवाल
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) रुड़
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) रुड़

आप सब लोगों ने एक, दो, पांच और 10 रुपए का सिक्का देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी 175 रुपए का सिक्का देखा है. जी हां, 175 रुपए का सिक्का आपको बहुत जल्दी बाजार में देखने को मिल सकता है.

दरअसल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) रुड़की के 175 साल पूरा होने के शुभ अवसर पर भारत सरकार ने कॉलेज के नाम पर 175 रुपए का सिक्का जारी करने का ऐलान किया है.

बता दें कि ये वित्त मंत्रालय के माध्यम से पिछले महीने के अंत में जारी हुई गजट नोटिफिकेशन यानी भारत का राजपत्र के आधार पर किया जाएगा. फिलहाल के लिए सरकार के नोटिफिकेशन में इस सिक्के को जारी करने की कोई तिथि नहीं बताई गई है.

4 धातु से बनेगा सिक्का (4 metal coins)

मिली जानकारी के अनुसार, 175 रुपए के सिक्के को 4 धातुओं से मिलकर तैयार किया जाएगा. जिसमें 50 प्रतिशत तक चांदी, 40 प्रतिशत तक निकेल और जिंक  5 प्रतिशत तक मौजूद होगा. जिसके कारण इस सिक्के को लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय माना जाएगा.  बताया जा रहा है कि इस सिक्के के एक तरफ जेम्स थॉमसन बिल्डिंग मौजूद होगी, जोकि संस्थान का मुख्य प्रशासनिक भवन है. इसके अलावा इसकी ऊपरी परिधि पर देवनागरी भाषा में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान लिखा होगा और ठीक उसके नीचे अंग्रेजी भाषा में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भी लिखा होगा.

इस सिक्के के दूसरी तरफ भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ भी आपको दिखाई देगा, जिससे सिक्के के एक दम बीचों बीच रखा जाएगा. सबसे नीचे संख्या में 175 लिखा होगा. इस सिक्के को लेकर IIT रुड़की के डायरेक्टर एके चतुर्वेदी का कहना है कि हमें इस बात की बहुत खुशी है कि भारत सरकार ने हमारे प्रस्ताव को स्वीकार किया और इस प्रस्ताव के तहत गजट नोटिफिकेशन में 175 रुपए के सिक्के को जारी करने की बात कही.

IIT रुड़की कॉलेज के बारे में (About IIT Roorkee College)

इस कॉलेज को साल 1847 में ब्रिटिश साम्राज्य के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में बनाया गया था. उस समय इसे रुड़की कॉलेज के नाम से ही जाना जाता था. फिर 1854 में इसका नाम बदलकर थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग रख दिया गया. इसके बाद आजाद भारत के पहले इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाने लगा. इसकी लोकप्रिय को देखते हुए साल 2001 में भारत सरकार ने इसे IIT में बदल दिया.  

ये भी पढ़ें : पुराने सिक्के बेचकर कमाएं लाखों, यहां जानें तरीका

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल की आर्किटेक्चर के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF Ranking) 2022 में IIT रुड़की को पहला स्थान प्राप्त हुआ है. इसे देश के सबसे टॉप आर्किटेक्चर कॉलेज की मान्यता प्राप्त हुई.

English Summary: Rs 175 coin will be issued soon, will be ready consisting of 4 metals Published on: 15 July 2022, 05:27 PM IST

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