KJ Chaupal: अगर किसानों को कृषि से संबंधित समसामयिक जानकारी दी जाए, तो कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा दिया जा सकता है. इसी के मद्देनजर विगत 27 वर्षों से कृषि क्षेत्र में निर्बाध रूप से कार्यरत कृषि जागरण कंपनी किसानों के लिए एक समयांतराल पर ‘केजे चौपाल’ का आयोजन करती रहती है. इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़ीं कंपनियों के गणमान्य लोग और प्रगतिशील किसान बतौर मेहमान आकर अपने कार्यों, अनुभवों और नवीनतम तकनीकों को साझा करते हैं.
इसी कड़ी में सोमवार (6 मई) को 'भारत के रिचेस्ट फार्मर' (Richest Farmer of India) डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने केजे चौपाल का दौरा किया. जहां, उन्होंने अपनी 10 साल पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़'(Tribal Magazine Kaksaad) का अगला स्सकरण जारी किया. इसके साथ ही उन्होंने खेती और कृषि जागरण के साथ अपने अनुभव भी साझा किए.
'युवाओं के लिए प्रेरणा हैं डॉ. राजाराम त्रिपाठी'
KJ Chaupal की शुरुआत करते हुए कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक ने डॉ. राजाराम त्रिपाठी का गर्मजोशी से स्वागत किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज मुझे भारत के सबसे अमीर किसान के साथ मंच साझा करते हुए बड़ा ही गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने अपनी मेहनत से ये सबित किया है क्यों वह एक सफल किसान के साथ-साथ भारत से सबसे अमीर किसान हैं.
उन्होंने कहा कि कृषि जागरण का हमेश से प्रयास रहा है कृषि को कैसे और बेहतर किया जा सके. ताकि किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ युवाओं को खेती करने की ओर प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि राजाराम त्रिपाठी उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो कृषि में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. उन्होंने 'किसान' को एक बड़े रूप में प्रदर्शित किया है और दुनिया को ये बताया है की एक किसान अपनी मेहनत की बदौलत सब कुछ हासिल कर सकता है. उन्होंने डॉ. राजाराम त्रिपाठी की आदिवासी पत्रिका के अगले स्सकरण के लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दी.
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'एक जादूगर हैं एमसी डोमिनिक'
वहीं, डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने एमसी डोमिनिक को जादूगर कहकर अपने संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि एमसी डोमिनिक किसी जादूगर से कम नहीं है. उन्होंने जिस तरीके से खेती और किसान को लोगों के सामने पेश किया है वह सिर्फ एक जादूगरी ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि किसी जागरण के साथ मेरा एक खास रिश्ता है, जो आगे भी जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि एमसी डोमिनिक और कृषि जागरण जिस तरीके से काम कर रहे हैं, मैं ये दावे से कह सकता हूं की आने वाले समय में यह एक नया इतिहास रचेंगे. उन्होंने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ के बस्तर जैसे छोटे इलाके से आता हूं. जहां एक समय में सिर्फ गोलियों की आवाज गुंजा करती थी. बस्तर एक समय में नक्सलवाद से काफी प्रभावित था , लेकिन आज इस इलाके को अगर एक नई पहचान मिली है तो उसमें कृषि जागरण ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि आज जो सम्मान कृषि जागरण ने मुझे दिया है, वह मुझे पंख देने जैसा है. उन्होंने इस सम्मान के लिए कृषि जागरण का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं.
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