देश में अभी खरीफ का सीजन अपने पीक पर चल रहा है और कुछ समय के बाद रबी सीजन की तैयारियां शुरु हो जाएंगी. ऐसे में किसानों को खेती के लिए पैसे की आवश्यकता अधिक होती है, लेकिन उस समय पर बैंक से लोन इतनी आसानी से नहीं मिलता है, इसलिए किसानों को व्यापारियों से ज्यादा ब्याज पर कर्ज लेना पढ़ता है, जिसके चलते किसान दिन प्रतिदिन कर्ज में डूब जाता है.
इस समस्या के समाधान के लिए आरबीआई ने हाल ही में एक मुहिम चालू की है, जिसके तहत किसानों को सिर्फ 15 दिन के अंदर डिजिटल लोन (KCC Digital Loan) उपलब्ध कराया जाएगा. इस काम के लिए आरबीआई ने मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में पायलट प्रोजेक्ट शुरु करने की योजना भी बनाई है.
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इस पायलट प्रोजेक्ट में ऐसे मिलेगा लोन
मिडिया रिपोर्टस के अनुसार, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में पायलेट प्रोजेक्ट के दौरान केसीसी लोन देने वाली बैंकों में ऑटोमेशन पर फोकस किया जाएग. आपको बता दें कि 4 सप्ताह के अंदर मिलने वाले केसीसी लोन को 2 सप्ताह में उपलब्ध कराया जाएगा.
राज्य सरकारें करेंगी सहायता
मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में डिजिटल केसीसी लोन देने की मुहिम को चुनिंदा जिलों में शुरु किया जाएगा, जिसका संचालन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक करेंगी. इसमें राज्य सरकार की ओर से भी सहयोग दिया जाएगा.
कब शुरु हुआ था केसीसी लोन
जानकारी के लिए आपको बता दें कि साल 1998 में देश में किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरु किया गया था. इसके तहत किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसी जरुरत की चाजों को खरीदने के लिए आसान ब्याज पर लोन दिया जाता है, लेकिन वर्तमान समय में इस योजना में काफी संशोधन हो चुके हैं, अब इसके तहत किसानों के साथ-साथ मछली पालन जैसे पेशे को भी जोड़ दिया है.
केसीसी में मिलते हैं ये लाभ
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इस योजना के तहत किसानों को 5 से 3 लाख तक का कम अवधि वाला लोन दिया जाता है.
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किसान क्रडिट कार्ड पर 9 प्रतिशत का ब्याज लिया जाता है, किसानों को इस पर 2 प्रतिशत की छूट दी जाती है.
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बैंकों की ओर समय से पहले लोन जमा करने पर किसानों को 2 प्रतिशत छूट अलग से दी जाती है.
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किसान क्रेडिट पर कुल चार प्रतिशत लोन दिया जाता है, ताकि उनके ऊपर खेती का बोझ ना पड़े और वे आसानी से कर्ज लौटा सकें.
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