दिल्ली के IARI में इन दिनों भिंडी की पैदावार कर शोध किया जा रहा है. अलग-अलग रंग और भांति-भांति की भिंडी यहां लगाई गयी है. लाल, बैंगनी, पीली और हरी, गाढ़ी हरी और हल्की हरी भिंडी यहां पर मुख्य तौर पर उपलब्ध है. इसके अलावा भिंडी की किस्में भी यहां काफी मात्रा में उपलब्ध है. पतली, मोटी, लंबी और छोटी, यहां हर भिंडी उपलब्ध है. यहां डॉ. आर.के.यादव हैं जो प्रधान वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं और इस विषय पर अपनी राय दे रहे हैं और अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बता रहे हैं कि कैसे भिंडी की उन्नत पैदावार की जा सकती है.
डॉ. यादव ने हमें किसान और उपभोक्ता, दोनों के लिए भिंडी की उपयोगिता के बारे में बताया. उन्होने बताया कि जो लोग भिंडी की खेती व व्यापार करते हैं उनके लिए भिंडी मुनाफे का सौदा है. इसके अलावा भिंडी का सेवन शरीर को भी कई रोगों से बचाता है व आंतों के लिए बुहत लाभदायक है. IARI, दिल्ली में भिंडी कईं रगों में उपलब्ध है. इन सभी रंगों का अपना विशेष महत्व है. इन रंगों से जहां भिंडी की गुणवत्ता का पता चलता है वहीं उसकी किस्म का अंदाजा भी होता है.
अभी इन सभी भिंडियों पर शोध कार्य किया जा रहा है और इनकी गुणवत्ता को जांचा जा रहा है. स्वाद, पैदावार और क्वालिटी की तर्ज पर आकलन कर इनकी रिपोर्ट को आगे भेजा जाएगा.
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