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पढ़िए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सालाना रिपोर्ट..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 20 नवंबर को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 31 मार्च तक एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिनमें से 31 मार्च 2018 तक 51 लाख मकानों का निर्माण पूरा हो जाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 20 नवंबर को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 31 मार्च तक एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिनमें से 31 मार्च 2018 तक 51 लाख मकानों का निर्माण पूरा हो जाना है। इस दौरान 20 नवंबर 2016 से अब तक 9.03 लाख मकानों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि  15 लाख मकानों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। तो वहीं बताया जा रहा है कि लगभग 30 लाख मकानों के निर्माण कार्य छत तक पूरा किया जा चुका है। इस बीच 10 लाख मकानों के निर्माण कार्य 30 नवंबर 2017 तक, 15 लाख मकानों का निर्माण 31 दिसंबर 2017 तक, 25 लाख मकानों का निर्माण कार्य 31 जनवरी 2018 तक, 35 लाख मकानों का निर्माण कार्य फरवरी 2018 तक,51 लाख मकानों का निर्माण कार्य 31 मार्च 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस बीच सरकार ने सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण इलाकों में नये डिजाइनों, स्‍थानीय भवन निर्माण सामग्री, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण, परिसम्‍पत्तियों की भू-टैगिंग और आईटी-डीबीटी प्‍लेटफॉर्म के जरिये लाभार्थियों के खातों में भुगतान सीधे भेजने से पारदर्शितापूर्ण, बाधामुक्‍त और गुणवत्‍तापूर्ण कार्यक्रम क्रियान्वन किया जाएगा।

ग्रामीण आवास कार्यक्रम के अन्तर्गत लाभार्थियों को सुविधा प्रदान करने के लिए सभी राज्‍य और केन्‍द्र शासित प्रदेश अथक प्रयास कर रहे हैं, ताकि उनके मकानों का निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके। सामाजिक-आर्थिक जनगणना (एसईसीसी 2011) के उपयोग, ग्राम सभा द्वारा सत्‍यापन और भू-टैगिंग के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से इसमें न्‍यूनतम समावेशी त्रुटियां सुनिश्चित हुई हैं। सरकार द्वारा प्रयोजित इस गरीब हितैषी कार्यक्रम के तहत केवल वही लोग लाभार्थी हैं, जो बेघर हैं अथवा कच्‍ची छत एवं एक कमरे वाले कच्‍चे घरों में या कच्‍ची छत एवं दो कमरों वाले कच्‍चे घरों में रहते हैं। गरीबों को सशक्‍त करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल किया गया है। सामान्‍य मौजूदा स्‍थानीय डिजाइनों का अध्‍ययन करने के बाद सर्वश्रेष्‍ठ संस्‍थानों द्वारा इन घरों के डिजाइन तैयार किये गये हैं।

इन मकानों का निर्माण लाभार्थियों द्वारा अपनी जरूरतों के अनुसार किया जाता है। इन मकानों से न केवल ग्रामीण परिदृश्‍य बदल रहा है, बल्कि देश भर के गांवों में सामाजिक बदलाव भी सुनिश्चित हो रहा है। गरीबों को सुरक्षित घर मिल रहे हैं और अब वे शौचालय, एलपीजी कनेक्‍शन, बिजली कनेक्‍शन, पेयजल सुविधा इत्‍यादि के साथ सम्‍मान से जीवन यापन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गवर्नेंस संबंधी सुधारों और विकास पर इस्‍पात एवं सीमेंट की बढ़ती मांग के असर का अध्‍ययन नई दिल्‍ली स्थित राष्‍ट्रीय सार्वजनिक वित्‍त एवं नीति संस्‍थान द्वारा किया जा रहा है।

ग्राणीणों के सामाजिक बदलाव पर अलग से अध्‍ययन कराया जा रहा है, ताकि एक ‘बढ़िया आवास’ कार्यक्रम के असर को सही ढंग से समझा जा सके। कोई भी व्‍यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति के बारे में जानकारी Awaassoft.nic.in पर जाकर प्राप्‍त कर सकता है, जिस पर भू-टैग की गई फोटो और लाभार्थियों के साथ-साथ उन्हें किये गये भुगतान का पूर्ण ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

English Summary: Read the Annual Report of the Prime Minister's Accommodation Scheme (Rural) .. Published on: 23 November 2017, 03:24 AM IST

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