इंदौर। उज्जैन में राम-रहीम और हनीप्रीत को देख लोग हैरान रह गए। ये दोनों यहां लगने वाले कार्तिक मेले में आए थे और खूब सज संवरकर घूम रहे थे, मेले में आने वाले हर शख्स की निगाह इन पर टिकी हुई थी। दरअसल कार्तिक पशु मेले में आए हरिओम ने अपने गधे का नाम राम-रहीम गधी का हनीप्रीत रखा था, उज्जैन के एक खरीदार ने इन्हें 11 हजार रुपए में खरीदा।
उज्जैन में हर साल देवउठनी ग्यारस से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक गधों का मेला लगता है। एमपी के अलावा गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के पशु-पालक कुम्हार और व्यापारी इस मेले में गधों की खरीदी-बिक्री के लिए आते है। किस्म के आधार पर यहां गधे 5 से 25 हजार रूपए तक में बिकते है।
इस मेले की खासियत ये है कि गधे बेचने आने वाले व्यापारी लगभग हर गधे का एक नाम रखते है। गधे का नाम उसकी पीठ पर लिख दिया जाता है। नाम देखकर पूछने पर व्यापारी गधे की किस्म और उसके दाम बता देता है, फिर खरीदार उसका आकलन कर मूल भाव करके उसे खरीद लेता है। इस बार मेले में राम-रहीम और हनीप्रीत के अलावा जियो 4जी, GST, सुलतान, बाहुबली और बाजीगर नाम के गधे भी बिकने आए थे।
राम रहीम और हनीप्रीत को लेकर आए हरिओम प्रजापत ने बताया कि मुझे अपने गधों को इनके नाम देने में भी बुरा लग रहा था क्योंकि मेरे गधे मासूम है जबकि ये दोनों शातिर अपराधी। इन दोनों ने अपने आचरण से धर्म और बाप-बेटी के रिश्ते को कलंकित किया है। मैंने ये सोचकर गधों को इनका नाम दिया कि इनके नाम पर हमेशा वजन लदा रहेगा और इनका नाम पढ़कर लोग इनकी लानत -मलानत करते रहेंगे।
हरिओम ने बताया कि गुजरात ब्रीड के इन दोनों गधों को एक ही व्यक्ति ने खरीदा। मैंने इनके 21 हजार मांगे थे लेकिन सौदा 11 हजार में पटा।
सूत्र : दैनिक भास्कर
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