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फिर दे डाली टिकैत ने दिल्ली कूच करने की धमकी, कहा- अगर नहीं हुई हमारी मांगें पूरी, तो फिर वही होगा, जो..

पिछले कई महीनों से कृषि कानूनों पर एतराज़ जता रहे किसानों का आंदोलन अभी तक जारी है. किसान नेताओं के रूख को देखकर ऐसा लगता नहीं कि अभी यह आंदोलन थमने वाला है. हालांकि, विगत दिनों लाल किले की प्राचीर पर जिस तरह की शर्मानक करतूत कुछ शरारती तत्वों के द्वारा देखने को मिली थी, उसके बाद से ऐसे कयास लगाए जाने लगे थे कि अब यह आंदोलन ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाएगा, लेकिन मौजूदा स्थिति ने उस पूरे कयास को सिरे से खारिज कर दिया है.

सचिन कुमार
Rakesh Tikait
Rakesh Tikait

पिछले कई महीनों से कृषि कानूनों पर एतराज़ जता रहे किसानों का आंदोलन अभी तक जारी है. किसान नेताओं के रूख को  देखकर ऐसा लगता नहीं कि अभी यह आंदोलन थमने वाला है. हालांकि, विगत दिनों लाल किले की प्राचीर पर जिस तरह की शर्मानक करतूत कुछ शरारती तत्वों के द्वारा देखने को मिली थी, उसके बाद से ऐसे कयास लगाए जाने लगे थे कि अब यह आंदोलन ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाएगा, लेकिन मौजूदा स्थिति ने उस पूरे कयास को सिरे से खारिज कर दिया है.

दिल्ली की सीमाओं पर मुस्तैदी से तैनात किसानों के रूख को देखकर ऐसा लगता है कि अन्नदाताओं का आंदोलन के प्रति उत्साह अभी-भी बरकरार है. लगता है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने थम चुके इस आंदोलन को अपने आंसुओं के दम पर फिर से पुनर्जीवित कर दिया है. इसी का नतीजा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए बवाल के बाद से भी किसानों का आंदोलन अभी तक जारी है.  

इस बीच आगे का खाका खींचते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलनरत किसानों के जेहन में उत्साह का संचार भरते हुए कहा कि कुछ दिनों के बाद ही गर्मी का मौसम आने वाला है, लिहाजा अब हमें इसकी तैयारी अभी से ही मुकम्मल करनी होगी. गर्मी से निपटने के लिए हमें पंखे, कूलर सहित अन्य सामानों की व्यवस्था करनी होगी, ताकि तपिश भरी ये गर्मी हमारी इस पल्लिवत हो रही आंदोलन को कुचलने में कामयाब न हो सके. हमें इसके लिए बिजली की व्यवस्था भी करनी होगी.

बिजली की व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि हम बिजली की व्यवस्था करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से मदद मांगेंगे, लेकिन अगर प्रदेश सरकार हमारी मदद करने में विफल रहती है, तो फिर हमें राजधानी दिल्ली की ओर रूख करना होगा. हम दिल्ली सरकार से बिजली की मांग करेंगे. अब देखना यह होगा कि क्या दिल्ली सरकार किसानों के इस मांग को पूरा करती है कि नहीं. हालांकि, किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली सरकार के रूख की बात करें, तो  इस आंदोलन को केजरीवाल सरकार का खुला समर्थन मिला है.

वहीं, आंदोलन में लगातार कम हो रहे किसानों की संख्या पर राकेश टिकैत ने कहा कि जब कभी भी लंबा आंदोलन चलता है, तो अक्सर हमें इस तरह की स्थिति से रूबरू होना पड़ता है,   लेकिन इससे कोई यह मतलब न निकाले कि हमारा आंदोलन अब कमजोर पड़ने जा रहा है. किसान नेता ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तब हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा.

सहयोग करें किसान

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह समय है कि किसान भाई एक दूसरे का सहयोग करें. अगर कोई एक किसान आंदोलन में शामिल है, तो उसका दूसरा कोई साथी खेत में  उसकी मदद करे, ताकि हमारा यह आंदोलन यथावत कायम  रहे. टिकैत ने कहा कि वैसे भी अभी शादी का माहौल है, तो ऐसे में लाजिमी है कि किसानों की संख्या बेशक कम रहेगी, लेकिन इसे कोई हमारी कमजोरी समझने की खता न करें.

English Summary: Rakesh Tikait said if our demand will not be made we will come to delhi than Published on: 16 February 2021, 06:05 PM IST

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