राजस्थान के चित्तौडगढ़ में अधिक बारिश होने के कारण तालाब में डूबकर 800 भेड़ों की मौत हो गयी थी. ज्ञात रहे राजस्थान में किसानों की मुख्य आजीविका पशुपालन ही है, इन भेड़ों के डूबने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ. इस नुक्सान को दखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चित्तौड़गढ़ जिले में भेड़ों के डूबने से हुई मौतों के प्रभावित भेड़ पालकों को केन्द्र सरकार की ओर से पशुधन हानि पर देय सहायता राशि से अधिक मुआवजा देने की घोषणा की है. उन्होंने प्रत्येक भेड़ पालक को अधिकतम 60 भेड़ों तक प्रति भेड़ 6 हजार रुपये की सहायता देने के निर्देश दिए. यह मुआवजा राशि लगभग 50 लाख रुपये होगी.
मुख्यमंत्री गहलोत ने भेड़ पालकों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनको भारत सरकार के एसडीआरएफ दिशा-निर्देशों के अनुसार देय सहायता राशि से अधिक मुआवजा देने का निर्णय लिया है. उन्होंने चित्तौड़गढ़ जिला क्लेक्टर को इस बाबत निर्देश दिए कि सहायता राशि जल्द से जल्द संबंधित भेड़ पालकों को दी जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने की व्यवस्था की जाए.
उल्लेखनीय है कि एसडीआरएफ दिशा-निर्देशों के अनुसार आपदा राहत के रूप में लघु एवं सीमांत किसानों को अधिकतम 30 छोटे पशुओं के लिए प्रति पशु 3 हजार रुपये सहायता देय है.
लेकिन मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में अधिकतम पशु संख्या 30 के स्थान पर 60 और मुआवजा राशि 3 हजार रुपये प्रति पशु से बढ़ाकर 6 हजार रुपये कर दी है. एसडीआरएफ मानदंड के अतिरिक्त देय सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से वहन की जाएगी, जिस पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च होंगे.
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