
Diggi Nirman Scheme: राजस्थान सरकार ने डिग्गी निर्माण से वंचित रह गए किसानों को राहत देते हुए डिग्गी निर्माण की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर अब 30 जून 2025 कर दी है. मार्च-अप्रैल में खेतों में फसलें तैयार होने के कारण किसान खुदाई और मशीनों का कार्य नहीं करवा सके थे, जिससे कई किसान तय समय में डिग्गी निर्माण नहीं कर पाए. किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है, जिससे अब वे फसल कटाई के बाद आराम से डिग्गी बनवा सकेंगे.
फसल के कारण नहीं बन सकीं डिग्गियां
गत वित्तीय वर्ष में हनुमानगढ़ जिले में राज्य योजना के तहत 981 और अटल भूजल योजना में 1800 डिग्गियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन योजनाओं की प्रशासनिक मंजूरी में देरी के चलते निर्माण प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो सकी. इसी बीच मार्च-अप्रैल में खेतों में गेहूं और सरसों जैसी रबी फसलें पक चुकी थीं. डिग्गी निर्माण के लिए खुदाई व मशीनों के उपयोग से फसलों को नुकसान हो रहा था, जिससे किसानों ने निर्माण कार्य को स्थगित कर दिया.
जनप्रतिनिधियों ने उठाई आवाज
किसान संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने यह समस्या सरकार के सामने रखी. किसानों की दिक्कत को समझते हुए राज्य सरकार ने डिग्गी निर्माण की अंतिम तिथि को तीन महीने बढ़ा दिया है. अब किसान 30 जून 2025 तक अपने खेतों में डिग्गी बनवा सकते हैं.
अनुदान की व्यवस्था
सरकार की ओर से डिग्गी निर्माण पर किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है. सामान्य श्रेणी के किसानों को अधिकतम ₹3 लाख और लघु व सीमांत किसानों को ₹3.4 लाख तक की राशि दी जाती है. यह अनुदान केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास कम से कम 0.5 हेक्टेयर सिंचित भूमि हो और जिन्होंने न्यूनतम 4 लाख लीटर क्षमता की डिग्गी का निर्माण किया हो.
कौन हैं पात्र किसान?
राज्य के नहरी क्षेत्रों में रहने वाले वही किसान इस योजना के लिए पात्र हैं, जिनकी सिंचाई बारी स्वीकृत हो चुकी है. यदि कोई किसान इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तो उसका आवेदन विभाग स्तर पर अस्वीकृत कर दिया जाता है.
सुरक्षा का भी रखा जाएगा ध्यान
राज्य सरकार ने डिग्गी निर्माण के साथ ही सुरक्षा मानकों को भी अनिवार्य कर दिया है. हर डिग्गी के चारों ओर दो फीट ऊंची दीवार बनाना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा, डिग्गी के पास चेतावनी बोर्ड लगाना भी जरूरी है ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके. जिले में पूर्व में डिग्गियों में डूबने से हुई मौतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
किसान रखेंगे देखरेख की जिम्मेदारी
अनुदान मिलने के बाद डिग्गी का रख-रखाव पूरी तरह से किसान की जिम्मेदारी होगी. साफ-सफाई, पानी की गुणवत्ता और आसपास की सुरक्षा की निगरानी किसानों को खुद करनी होगी.
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