भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा किसानों की उन्नति एवं विकास हेतु प्रत्येक वर्ष पूसा मेले का आयोजन पूसा संस्थान करता आ रहा है. इस वर्ष इस मेले का आयोजन 2 मार्च से पूसा संस्थान नई दिल्ली में आयोजित किया जा किया जा रहा है. इस मेले का विषय श्री अन्नों द्वारा पोषण, खाद्य एवं पर्यावरण सुरक्षा रखा गया है. यह जानकारी भारतीय अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अशोक कुमार सिंह द्वारा पूसा में आयोजित प्रेस वार्ता में दी गई.
उन्होंने बताया मेले का आयोजन 2 मार्च को किया जायेगा जो कि तीन दिन तक जारी रहेगा. मेले का उद्घाटन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर द्वारा किया जायेगा. जिसमें देश भर से हजारों किसानों को आमंत्रित किया गया है. इस मेले में 8 राज्यों से किसान जुड़ेंगे. इतना ही नहीं इस बार प्रगतिशील किसानों सहित इनोवेटिव फार्मर्स को भी सम्मानित किया जायेगा.
श्री अन्न रहेंगे मेले का मुख्य आकर्षण
जानकरी देते हुए डॉ सिंह ने बताया कि मेले में श्री अन्न को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जायेगा जिसमें श्री अन्न से तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. श्री अन्न को फार्म टू फ़ॉक के तहत विकसित किया जायेगा. ताकि किसानों से उपभोक्ता तक श्री अन्न आसानी से अधिक मात्रा में पहुंचाया जा सकें और विदेशी मुद्रा को अधिक मात्रा में अर्जित किया जा सकें. अभी तक सिर्फ चावल और गेंहू ही निर्यात किये जा रहें हैं. लेकिन हमारा प्रयास है इस श्रंखला में श्री अन्न भी जल्दी ही शामिल हो जायेगा. उन्होंने बताया कि श्री अन्न को उगाने वाले किसान व किसान संगठन सहित स्टार्टअप को एक मंच दिया जायेगा जिसके माध्यम से किसानों और स्टार्टअप के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं का भी समाधान निकाला जायेगा. उन्होंने कहा कि बदलती जलवायु और पानी की कमी के कारण श्री अन्न पोषण खाद्य के लिए बेहतरीन विकल्प है. जिसे हमें हर थाली में ले जाना भारत सरकार का उदेश्य है.
मेले में किसानों मिलेगा तकनिकी ज्ञान
उन्होंने बताया कि मेले में किसानों को IARI के वैज्ञानिको द्वारा तकनिकी ज्ञान भी दिया जायेगा. मेले में शोध संस्थानों, स्टार्ट-अप्स और स्टेक होल्डर्स के स्टाल लगाये जायेंगे. जिसमें श्री अन्न की खेती पद्धतियों, मूल्यवर्धन और पोषण संबंधी जानकारी दी जाएगी.
रोग-रोधी धान की उन्नत किस्मों से किसान बनेगें मजबूत
इस दौरान किसानों को धान उगाने को लेकर पूरी जानकारी दी जाएगी. इसके आलावा धान की नई उन्नत किस्मों को लेकर भी जानकारी दी जाएगी. जिसमें धान की झुलसा व झोंगा रोधी पूसा बासमती किस्मों के बीज भी किसानों को मुहैया करवाए जायेंगे. जिनकी खरीद पर बीजों को मेला ग्राउंड से संस्थान के द्वार तक पहुंचाने में नि:शुल्क मदद की जाएगी. इन किस्मों में मुख्य रूप से पूसा बासमती 1847, 1885 व 1886 शामिल रहेंगे. उन्होंने बताया की पूसा बासमती की इन किस्मों में झुलसा व झोंगा रोग नहीं होता और इससे किसानों को प्रति एकड़ 3000 रूपये की बचत होती है.
लगाई जाएगी फसलों की जीवंत प्रदर्शनी
इस मेले में फसलों के जीवंत प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें सब्जियों व फलों की 30 नई विकसित की गई प्रजातियों को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया जायेगा, इनमें से अमरुद की डॉ किस्म महत्वपूर्ण बताई जा रही है जिनका गुदा सफ़ेद व लाल है और यह किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली साबित होगी. उन्होंने कहा कि इन 30 नई प्रजातियों के पौधे किसानों को मेले में उपलब्ध करवाए जाएंगे. साथ ही गेंहू, चना, सरसों, सहित फूलों की नई किस्मों की जीवंत प्रदर्शनी देखने को मिलेगी.
किसानों को दिया जायेगा पुरस्कार
डॉ सिंह ने बताया कि इस मेले में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत किया जायेगा. जिनमें IARI इनोवेटिव फार्मर्स का सम्मान 35 किसानों को दिया जायेगा साथ ही IARI फेलो फार्मर्स में 5 किसानों को पुरस्कृत किया जायेगा. वहीं लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवार्ड 1 किसान को दिया जायेगा.
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IARI के यू-ट्यूब चेनल पर होगा लाइव
जानकारी देते हुए निदेशक ए के सिंह ने बताया की मेले का लाइव प्रसारण संस्थान के यू-ट्यूब चेनल पर किया जायेगा. इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अशोक कुमार सिंह ने किसानों से अपील की है कि अधिक से अधिक मात्रा में किसान पूसा नई दिल्ली में पहुच कर इस मेले का लाभ उठायें.
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