केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के नेतृत्व में आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेला 2022 का उद्घाटन आज केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के द्वारा किया गया है.
इस अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रगतिशील किसान, बड़े – बड़े कृषि वौज्ञानिक और कई उद्धमी महिलाओं ने भी भाग लिया.
इस उद्घाटन के दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने इस अवसर पर "पूसा कृषि हाट परिसर,"( Pusa Krishi Haat Complex) दो एकड़ के विकास को देश को समर्पित करते हुए कहा कि किसान और किसान उत्पादक संगठन अपने उत्पादों को सीधे "पूसा कृषि हाट परिसर" में बेच सकेंगे.
इस सुविधा की बदौलत उपभोक्ता बिचौलियों की जरूरत को खत्म करते हुए सीधे किसानों से खरीद सकेंगे. इस विशाल कार्यक्रम में किसान उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए 60 स्टाल, हाट और दुकानों का आयोजन किया गया है.
इस आयोजन ने देश भर से हजारों प्रगतिशील किसानों, महिला उद्यमियों और स्टार्ट-अप को आकर्षित किया. चौधरी ने किसानों की ओर से पूसा संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक प्रगति का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों के हितों के लिए किए जा रहे कार्यों और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल्पना की गई कृषि से जुड़ी पहलों के तहत सरकार किसानों को बीज से लेकर बाजार तक सुविधाएं प्रदान कर रही है. भारतीय कृषि किसानों की कड़ी मेहनत और वैज्ञानिक अनुसंधान के परिणामस्वरूप प्रगति कर रही है.
इसे पढ़ें- कृषि अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने के लिए काम कर रही है मोदी सरकार : कैलाश चौधरी
युवा वर्ग कृषि में अधिक रुचि ले रहा है. श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि मंत्रालय का बजट लगातार बढ़ाकर 1.32 लाख करोड़ रुपये किया है, जो सात साल पहले लगभग 23 हजार करोड़ रुपये था.
वर्तमान बजट के आधे से अधिक का भुगतान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है, जो किसानों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है, जबकि स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को मोदी सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है.
चौधरी के मुताबिक सरकार ने ज्यादा फसलों पर रेट बढ़ाकर खरीद बढ़ाने के साथ ही एमएसपी भी लागू किया है.सरकार के प्रयासों और किसानों की कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप खाद्यान्न, विशेषकर दालों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. इन सभी प्रयासों से पता चलता है कि सरकार किसानों को सशक्त बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने किसानों से आगे बढ़कर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया.
Share your comments