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खुलासा: अभी-भी आधुनिक तकनीक से कोसों दूर हैं भारतीय किसान

भारत एक कृषि प्रधान देश है. हमारे देश की सर्वाधिक आबादी कृषि क्षेत्र पर आश्रित है. सरकार कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने की दिशा में कई योजनाएं चला रही है. कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए, तो बड़ी संख्या में किसान भाई इन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं, मगर हाल ही में ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि अभी-भी किसान भाई कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले तकनीक से अनिभिज्ञ हैं.

सचिन कुमार
Indian Farmer
Indian Farmer

भारत एक कृषि प्रधान देश है. हमारे देश की सर्वाधिक आबादी कृषि क्षेत्र पर आश्रित है. सरकार कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने की दिशा में कई योजनाएं चला रही है. कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए, तो बड़ी संख्या में किसान भाई इन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं, मगर हाल ही में ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि अभी-भी किसान भाई कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले तकनीक से अनिभिज्ञ हैं. अभी-भी अधिकांश किसान आधुनिक शैली की तुलना में परंपरागत शैली को ही ज्यादा तरजीह देते दिख रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, महज 2 फीसद किसान ही खेती संबंधी गतिविधियों से रूबरू होने के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बता दें कि किसानों की मदद के लिए केंद सरकार की तरफ कई तरह के मोबाइल एप लॉन्च किए गए हैं. इन एप के जरिए किसान भाई मौसम संबंधी समेत अन्य जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं. इससे उन्हें खेती संबंधी गतिविधियों को अंजाम देने में सहूलियतें होगी, मगर अफसोस अभी-भी बड़ी संख्या में कई ऐसे किसान हैं, जो इन आधुनिक तकनीक को आत्मसात करने से परहेज कर रहे हैं. इसकी एक बानगी हम ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ के आंकड़ों में देख चुके हैं. अभी-भी हमारे किसान भाइयों को इन आधुनिक तकनीकों से रूबरू कराने की जरूरत है, ताकि वे अपने आपको हर आने वाले बदलते परिवेश में खुद को ढाल सके, मगर अफसोस वर्तमान में ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है, लिहाजा ऐसे ही किसान फिर आगे चलकर कहते हैं कि कृषि मुनाफे का सौदा नहीं है, बल्कि ऐसा नहीं है. अगर हम इसे निर्धारित नियम कायदे कानून का सहारा लेकर करें, तो यह सर्वाधिक मुनाफे का सौदा है.

ऐसा भी हुआ खुलासा

इतना ही नहीं, अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ है कि मौजूदा स्टर्टअप और तकनीक आधारित किसानों में से 90 फीसद के पास ऐसे समाधान मौजूद हैं, जो केवल कटाई से पूर्व के परिचालनों पर केंद्रीत है और कटाई के बाद परिचालन पर कोई समाधान नहीं है, जिसमें बड़ी कंपनियों द्वारा भारी निवेश की भी संभावना बनी हुई रहती है.यही नहीं, रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि 27 से 37 फीसद आईओटी ऑडप्शन मुख्य श्रखंला में बड़े पैमाने पर कम स्तर को दिखाता है. अध्ययन से यह भी खुलासा हुआ है कि कटाई से पूर्व की स्थिति में आईओटी लाभों की कमी में के परिणामस्वरूप किसान अवसाद के शिकार हो रहे हैं.

खासकर, ग्रामीण इलाकों में अभी-भी कई किसान ऐसे हैं, जो आधुनिक तकनीक से अनिभिज्ञ हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई किसान खेती किसान को घाटे के सौदा बताकर इससे तौबा कर रहे हैं, बल्कि जरूरत तो इस बात को लेकर है कि किसान भाइयों कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल में आने वाले तकनीक व उनके लाभों से परिचित करवाया जाए. 

English Summary: Indian Farmer are unaware with mordern technology Published on: 27 May 2021, 06:10 PM IST

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