सत्ता में बैठे सियासी सूरमा इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि अगर देश का किसान उनसे खफा हो गया तो पल भर में ही उनका सियासी आसियाना ढह जाएगा, लिहाजा उनकी हर वो कोशिश जारी रहती है, जिससे किसानों के चेहरे पर गिला-शिकवा अपना ठिकाना न बना सकें. एक ऐसी ही कोशिश पंजाब विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा की गई है.
यह महज एक कोशिश नहीं है, बल्कि पंजाब सरकार ने चुनाव से पहले एक ऐसी तीर छोड़ी है कि अगर वो निशाने पर लग गई तो आगामी विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को बड़ा फायदा हो सकता है.
पंजाब सरकार का बड़ा कदम
दरअसल, पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि सरकारी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को सरकारी जमीन आवंटित कर दी जाएगी, ताकि किसान भाई स्थायी रूप से खेती कर सकें. प्रदेश में कई ऐसे किसान हैं, जो सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं. लिहाजा, ऐसे सभी किसानों के चेहरे खुशी से खिलखिला उठे हैं, जो कल तक मायूसी के सैलाब में सराबोर रहा करते थे, लेकिन किसानों को जमीन आवंटित करने के लिए पंजाब सरकार की तरफ कुछ शर्ते निर्धारित की गई है, जिनका अनुपालन करना अनिवार्य है. आइए, इस लेख में आगे जानते हैं कि आखिर प्रदेश सरकार की यह शर्तें क्या हैं.
जानें, सरकार की शर्तें
बता दें पंजाब सरकार महज ऐसे ही किसानों को सरकारी जमीन आवंटित करने जा रही है, जो पिछले 10 सालों से सरकारी जमीन पर खेती करते आ रहे हैं. प्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक, वे सभी किसान जो 2010 से लेकर अब तक सरकारी जमीन पर खेती करते हुए आ रहे हैं. उन्हें यह जमीन आवंटित की जाएगी.
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
इस पहल का फायदा उठाने के लिए किसान भाइयों को सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट पर आवेदन करना होगा. इस पहल का फायदा प्रदेश के किसनों को मिल सके इसके लिए सरकार की तरफ से ‘द पंजाब वेलफेयर एंड सेटलमेंट ऑफ लैंडलेस, मार्जिनल एंड स्मॉल ऑक्युपैंट फारमर्स अलॉटमेंट ऑफ स्टेट गवर्नमेंट लैंड एक्ट, 2021 को लागू किया गया है. इस पहल के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस वेबसाइट्स पर विजिट भी कर सकते हैं.
सीधी बिजाई की तकनीक में पंजाब आगे
आमतौर पर किसान भी सिंचाई के दौरान जल के दुरूपयोग से बचने के लिए सीधी बुवाई का इस्तेमाल करते हैं. कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को उक्त तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है. वहीं, बताया जा रहा है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करने में पंजाब के किसान सबसे आगे हैं.
खासकर, बठिंडा के किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर सिंचाई के दौरान दुरुपयोग हो रहे जल को बचाने में कामयाब हो पा रहे हैं. खैर, यह तो रही पंजाब के किसानों से जुड़ी बड़ी खबर, लेकिन कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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