पंजाब राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों के जीएम मक्का के द्वितीय स्तर के परिक्षण को मंजूरी दे दी है | यह फैसला उस वक़्त आया है जब जीएम सरसों को व्यावसायिक स्तर पर उगाने की अनुमति पर रोड़ा अटका हुआ है | राज्य की विशेषज्ञों की कमेटी ने यह मंजूरी दी, जिसका प्रतिनिधित्व पंजाब विस्वविध्यालय के कुलपति डॉ बी एस ढिल्लों ने किया | कमेटी ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी 2 जैव संवर्धित किस्मों का परिक्षण करेगी, जिनमे से एक खरपतवारनाशी और तना भेदक तथा दूसरी तना भेदक के प्रतिरोधी है | इन किस्मों के बायोसेफ्टी रिसर्च लेबल 1 के परिक्षण पहले ही किए जा चुके है तथा द्वितीय स्तर के परिक्षण इस वर्ष किए जाएंगे |
वर्ष 2010 में अकाली दल और भाजपा की सरकार ने जीएम मक्का के परीक्षणों को कुछ किसान संस्थाओं के विरोध के कारण ठन्डे बस्तें में दाल दिया था | डॉ ढिल्लों ने कहा कि, “उन परीक्षणों को इसलिए किया जा रहा है ताकि हम अनुसन्धान में पीछे न रहें और हमे इन नए किस्मों के साथ तैयार रहें | व्यावसायिक स्तर पर उनके उगाये जाने का फैसला सरकार पर निर्भर करेगा | निदेशक कृषि पंजाब सरकार डॉ जे एस बेंस ने कहा कि सरकार ने इन परीक्षणों के लिए हरी झंडी दे दी है और केंद्र सरकार की जीईएसी के पास अनुमोदन के लिए भेज दिए गये है |
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