कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन (Farmers Protest 2020) के19वें दिन भूख हड़ताल शुरू कर दी. हालाकिं, कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहेकिसानों और सरकार के बीच कई बार बातचीत हुई है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. इसी कड़ी में किसान भूख हड़ताल कर रहे हैं, जिसमें कई राजनीतिक दलों नेकिसानों का समर्थन किया है.
प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं के मुताबिक, कृषि कानूनों (Farm Laws) की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी किसान एक दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर हैं, ताकि सरकार पर कृषि कानून (Farm Laws) वापस लेने का दबाव बना सके. इसके साथ ही देशभर केकिसान जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर समेत सभी नाकों पर अनशन पर बैठेंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी रखेंगे उपवास
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के साथ खड़े होने की बात कही है, इसलिए वह उपवास भी रखेंगे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से 'अहंकार' छोड़कर और तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द करने की अपील की.
दिल्ली की ओरबढ़ रहा प्रदर्शनकारियों का विशाल समूह
आपको बता दें कि दिल्ली की ओर प्रदर्शनकारियों का एक विशाल समूह आगे बढ़ रहा है. यह समूह दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर रहा है, जिसे पुलिस ने हरियाणा-राजस्थान सीमा पर रोक लिया है. पिछले 18 दिन से सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों का आंदोलन जारी है, जिसमें पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों का आना लगातार जारी है.
कब तक भूख हड़ताल पर रहेंगे किसान?
जानकारी मिली है कि सरकार जल्द ही किसानों के साथ एक बार फिर बैठक करेगी. उम्मीद है कि इस बार मुद्दे का कोई न कोई हल ज़रूर निकलकर आएगा. सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि नेता अपने-अपने स्थानों पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे.
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