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क्या किसानों को समझाने में सफल होगी बीजेपी? जानिए नई रणनीति

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं (Delhi Borders) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. दिल्ली के अलग-अलग एंट्री प्वॉइंट पर किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस दौरान किसानों को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का साथ भी मिला है. केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, यानी प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच तालमेल होता नहीं दिख रहा है.

अकबर हुसैन
Farmers Protest
Farmers Protest

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं (Delhi Borders) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. दिल्ली के अलग-अलग एंट्री प्वॉइंट पर किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस दौरान किसानों को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का साथ भी मिला है. केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, यानी प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच तालमेल होता नहीं दिख रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) किसानों (Farmers) को ये समझानों में जुटी है कि इन कानूनों में आपकी तरक्की छिपी है. जी हां, अब बीजेपी किसानों और लोगों के बीच कृषि कानून को लेकर मौजूद भ्रम को दूर करने की कवायद में लग गई है. बीजेपी अब लोगों के बीच जाकर ये समझाने की कोशिश कर रही है कि ये कानून किसानों के लिए कितना जरूरी है.

Kisan Sammelan: क्या किसान सम्मेलन से निकलेगा हल?

बीजेपी (BJP) ने उत्तर प्रदेश में किसान सम्मलनों का आगाज कर दिया है. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ये बताना रहेगा कि आखिर किस तरह से ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है. उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों तक जिन पार्टियों ने किसानों को छलने का काम किया है, और अब भ्रम फैलाने का काम कर रही हैं.

उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अधियक्ष का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) और राज्य में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकार का मुख्य फोकस किसान, गांव और गरीबों पर है. जिन कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं, वह किस तरह ज्यादा अवसर और विकल्प देने वाले हैं, ये सब किसान सम्मेलनों में बताया जाएगा. 

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित के मुताबिक ये किसान सम्मेलन 14 दिसंबर से 18 दिसंबर तक चलेंगे. इन सम्मेलनों में बीजेपी के तमाम बड़े नेता संबोधित करें.

Planning of BJP: क्या है किसान सम्मेलन की रूपरेख?

इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं को उतारा गया है. जिनमें बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह 14 दिसंबर को बस्ती और अयोध्या में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे. तो वहीं दूसरी तरफ 15 दिसंबर को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह गोंडा में जनता को बताएंगे कि कैसे पिछली सरकरों की तुलना में ये सरकार किसानों की तरक्की के लिए काम कर रही है. 15 दिसंबर को ही वाराणसी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य किसान सम्मेलन का नेतृत्व करेंगे.

English Summary: BJP planning for farmers and kisan Sammelan Published on: 14 December 2020, 04:52 PM IST

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