सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायधीश पी. सदाशिवम ने आज कृषि जागरण में शिरकत के दौरान बताया कि आज देश में केंद्र द्वारा बहुत सी योजनाओं को संचालित्त किया जा रहा है. सरकार को इन सभी परियोजनाओं को राज्यों की भाषा के अनुसार लोगों तक उस योजना के बारे में पूरी जानकारी को मुहैया कराना प्राथमिकता होनी चाहिए.
हालांकि सरकार ने हिंदी और अंग्रेजी में इस काम को बखूबी किया है. लेकिन अभी भी इसमें बहुत प्रयास करने की जरूरत है. जिसके बाद ही लोगों तक सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध हो पाती है.
किसान परिवार से न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम अपने खेतों की देखभाल नहीं कर रहे हैं। "श्रीमान दादाजी और मेरे पिता ने भी ऐसा ही किया," उन्होंने कहा। एक आदमी जो एक डॉक्टर बनने की इच्छा रखता था, लेकिन कला और लॉ कॉलेज में आ गया, जैसा कि उसके पिता ने कहा, "एक किसान के लिए एक बार में इतना खर्च करना कैसे संभव है।"
न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम ने विकलांग कोटे को 3 प्रतिशत से बढ़ा कर 4 प्रतिशत करने को भी कहा है. उनके अनुसार इनके प्रतिनिधित्व के लिए सरकार को इनके कोटे पर एक बार विचार करना चाहिए. जिससे भविष्य में इनके आगे बढ़ने के रास्ते खुल जाएंगे.
किसानों के लिए समर्थन मूल्य का भी किया समर्थन
न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम फसलों के लिए दी जमने वाली MSP को भी समर्थन देते हुए कहा कि यह किसानों के मेहनत की कमाई होती है जिसे सरकार को एक बार जरूर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को दिए जाने वाले इस समर्थन मूल्य से किसानों को फसल बेचने में तो आसानी हो ही जाती है साथ ही वो बड़े नुकशान से भी बचे रहते हैं.
उनके अनुसार किसानों को मिलने वाले खाद और बीजों पर भी सरकार को पूरी नजर बना कर रखना चाहिए. क्योंकि बाज़ार में मिलने वाले नकली बीज और खाद किसानों के साथ-साथ कई लोगों को एक साथ नुकशान पहुंचाते हैं.
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सरकार को अगर इन बातों पर ध्यान दे तो किसानों को अच्छा उत्पादन और लोगों को उन्नत अनाज मिल सकेगा.
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