राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 21 मार्च 2022 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में सहारनपुर के नंदी फिरोजपुर गांव के प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह को सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया.
कृषि जागरण से बात करने पर सेठपाल सिंह ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता एवं आभार व्यक्त किया. बता दें कि इस वर्ष कुल 128 पद्म पुरस्कार दिए गए. पुरस्कार पाने वालों की सूची में चार पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं. वहीँ, पुरस्कार पाने वालों में 34 महिलाएं, हैं और 10 विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई और 13 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता शामिल हैं.
सेठपाल सिंह हजारों किसानों के लिए बने प्रेरणा
समारोह में जहां जनजातीय कला और लोक संगीत से लेकर पारंपरिक शिल्प और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए लोगों की सराहना की गई. वहीँ, सेठपाल सिंह को उनके योगदान और छोटे जोत वाले किसानों और स्थायी आय के लिए कृषि क्षेत्र में विविधीकरण के प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया.
कृषि में नए प्रयोग करने के लिए उन्हें इससे पहले भी कई राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है और अब पद्मश्री से सम्मानित होना उनकी उपलब्धियों की सूची में एक और कामयाबी जोड़ता है. उन्हें वर्ष 2012 में आईसीएआर द्वारा अभिनव कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया था. इसके बाद 2014 में जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार और वर्ष 2020 में फिर से फैलोशिप पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सेठपाल सिंह उन महान व्यक्ति में से एक हैं, जो कृषि का प्रयोग और नवाचार करते रहे हैं. उदाहरण के लिए, वह तालाब के बजाय खेत में पानी की गोलियां पैदा करते हैं.
ये भी पढ़ें: तीन कृषि कानून को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, SC ने बनाई थी कमेटी
अपने क्षेत्र में, वह बड़े पैमाने पर कमल के फूल, सब्जियां, मत्स्य पालन, पशुपालन, साथ ही मशरूम के उत्पादन करते हैं. गन्ने के साथ-साथ वह प्याज, सौंफ, आलू, सरसों, मसूर, टिंडा और हल्दी की खेती करते हैं.
इस मौके पर एसपी प्रदेश सचिव चौधरी रुद्रसेन, कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. आईके कुशवाहा, उप निदेशक कृषि डॉ. राकेश कुमार, युवा गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महासचिव लोकेश गुर्जर ने सेठपाल सिंह को पद्मश्री मिलने पर खुशी जताई है.
Share your comments