बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ दिन पहले मोर्चा खोला था, जिसके बाद वो काफी सुर्खियों में भी रहे थे. एक बार फिर वो बिहार में प्राइवेट कृषि बिल लाने की बात कह कर चर्चा में बने हुए हैं.
हाल ही में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए कहा है कि एक गैर सरकारी विधेयक (प्राइवेट बिल) बिहार विधानसभा में प्रस्तुत करूंगा, जिसका नाम "कृषि उपज और पशुधन विपणन एवं मंडी स्थापना विधेयक" होगा. इसको कृषकों, लघु उद्यमियों एवं मंडी संचालकों से विमर्श के आधार पर तैयार किया गया है. यह बिल बिहार राज्य के सभी वर्गों के लिए लाभकारी होगा और बिहार राज्य की कृषि एवं अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में एक मील का पत्थर साबित होगा.
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सुधाकर सिंह ने कहा कि इस बिल को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारियों की सहमति ली जा चुकी है. इस बिल से सरकार को लाभ मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र में पूरे देश में पंजाब और बिहार दो मॉडल हैं. पंजाब उन्नत खेती और खुशहाल किसान कृषि का प्रतीक है. वहीं बिहार गरीब किसान और बदहाल खेती का मॉडल है. इस बिल के आने के बाद किसानों को लाभ पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि वो किसानों की बेहतरी के लिये विधानसभा के आगामी सत्र में प्राइवेट कृषि बिल ला रहे हैं. बिल को कृषि उपज, पशुधन विपणन एवं मंडी स्थापना नाम दिया गया है. फिलहाल सुधाकर सिंह राज्य के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर किसानों से कृषि पर चर्चा कर रहे हैं.
प्राइवेट कृषि बिल को लेकर दावा
राज्य के किसानों के लिए हर 10 किलोमीटर पर एक मंडी स्थापित की जायेगी. यहां तक की पंचायत स्तर पर भी मंडी का निर्माण होगा. इस बिल के आने के बाद सरकारी कृषि मंडी का संचालन बजार समिति द्वारा की जायेगी और कृषि मंडी की देख-रेख जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि करेंगे. इसके साथ ही ग्रामीण उद्यमियों को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. यही नहीं अगर कृषि मंडी से कोई न्यूनतम मूल्य पर अनाज खरीदता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का भी प्रावधान होगा.
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