प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्लड बायोफ्यूल डे को संबोधित करते हुए कहा कि बायोफ्यूल का इस्तेमाल किसानों की आमदनी बढ़ाएगा, रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगा, देश का धन बचाएगा और पर्यावरण के लिए भी वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल से देश को कई तरह के फायदे हैं जिसमें सबसे ज्यादा पर्यावरण को होने वाले फायदे हैं. उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल यानि फसलों से निकला ईंधन, कूड़े-कचरे से निकला ईंधन और यह गांव से लेकर शहर तक के जीवन को बदलने वाला है. उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल सिर्फ विज्ञान नहीं है बल्कि वो मंत्र है जो 21वीं सदी के भारत को नई ऊर्जा देने वाला है. उन्होंने बायोफ्यूल को व्यापक विजन का हिस्सा बताया और कहा कि इससे स्वच्छता, स्वास्थ्य और गांव-गरीब-किसान के समृद्धि का रास्ता और मजबूत होगा.
बायोफ्यूल उत्पादन को लेकर उन्होंने जानकारी दिया की बायोमास को बायोफ्यूल में बदलने के लिए सरकार बहुत बड़े स्तर पर निवेश कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की पूरे देश भर में 12 आधुनिक रिफाइनरी बनाने की योजना है और रिफाइनरी के संचालन से लेकर सप्लाई चेन तक, लगभग डेढ़ लाख नौजवानों को रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. मोदी ने कहा कि बायोफ्यूल ने न केवल किसानों किसानों को लाभ पहुंचाया है बल्कि देश का पैसा भी बचाया है. आंकडों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल से पिछले वर्ष देश को लगभग 4,000 करोड़ रुपए के बराबर की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है. आगे उन्होंने कहा की बायोफ्यूल से बदलाव की क्रांति घर-घर सिर्फ सरकार के प्रयासों से नहीं पहुंच पाएगी, बल्कि इसमें छात्रों की, शिक्षकों की, वैज्ञानिकों की, उद्यमियों की, जन-जन की भागीदारी अहम है.
उन्होंने आखिरी में लोगों से आग्रह किया की गांव-गांव तक बायोफ्यूल के लाभ पहुंचाने के लिए हर कोई अपने स्तर पर प्रयास करें.
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