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टमाटर, बादाम, कॉफी व सोयाबीन के दामों में होगा भारी उछाल, जानें कारण व भाव

बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन की वज़ह से फसलों पर गहरा असर पड़ रहा है. इससे ना सिर्फ फसलों को उगने में दिक्कत आ रही है बल्कि उत्पादन की पूर्ति ना होने की वज़ह से महंगाई ओर भी ज़्यादा बढ़ने के आसार है.

रुक्मणी चौरसिया
कृषि उत्पादों में बढ़ती महंगाई
कृषि उत्पादों में बढ़ती महंगाई

दिन-ब-दिन हर चीज़ों में महंगाई बढ़ती जा रही है. ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि हवाएं, सूखा और भारी तूफान दुनिया भर के प्रमुख कृषि क्षेत्रों (Agriculture Sector) को प्रभावित कर रहा है, जिससे कई खेत अपनी आवश्यक उत्पाद मांग से कम हो रहे हैं. जिसके चलते कृषि उत्पादों में और महंगाई (More inflation in agricultural products) आ सकती है.

जलवायु का कृषि पर असर (Climate effect on agriculture)

जहां यूरोप सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक (Tomato Production) है, जो प्रति वर्ष औसतन 6-7 मिलियन मीट्रिक टन की आपूर्ति करता है. वहीं  पिछले साल, उत्तरी इटली में टमाटर के उत्पादन पर करीब 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी और दुख की बात है कि इसके और भी कम होने की उम्मीद है.

ऐसा इसलिए है क्योंकि जलवायु, जो कभी फल उगाने के लिए एक गर्म स्वर्ग थी अब वह ठंडी होती जा रही है. इसके अलावा यह बारिश के प्रति अतिसंवेदनशील होती जा रही है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये कम तापमान फल के पकने की प्रक्रिया को धीमा कर रहा है और 2019 में अनुबंधित मात्रा के आधे से भी कम समय पर उत्पादन किया गया था. यदि ऐसा ही चलता रहा, तो सुपरमार्केट की कीमतों में वृद्धि जारी रहेगी. इसके अतिरिक्त इटली के जंगलों में भी हाल के वर्षों में गिरावट आई है.

जलवायु परिवर्तन को होगा सुधारना (Climate change will be rectified)

लोगों ने धरती को इतना प्रदूषित कर दिया है कि इसका असर अब नागरिकों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक तरह से पड़ रहा है. प्रदूषित हवा ना केवल मौजूदा सांस की बीमारियों को बढ़ा सकती है, बल्कि उनका कारण भी बन सकती है. बता दें कि मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण आने वाले वर्षों में वैश्विक जलवायु में भारी बदलाव की भविष्यवाणी की गई है.

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दुनिया के पास जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के प्रभावों को कम करने के लिए 2040 तक का समय है और अगर हम अभी कार्रवाई करने से इनकार करते हैं तो यह हमारे लिए घातक साबित हो सकता है.

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव खाद्य उद्योग में कैसे (How Climate Change Impacts the Food Industry)

  • टमाटर (Tomato) के अलावा, बादाम (Almond), कॉफी (Coffee), हेज़लनट्स और सोयाबीन (Soybean) कुछ ऐसे उत्पाद हैं जो जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हैं.

  • कैलिफ़ोर्निया दुनिया के बादाम के निर्यात (Almond Export) का 80 प्रतिशत हिस्सा उगाता है और राज्य का उद्योग अब $ 6 बिलियन का है.

  • हालांकि, बादाम को उगाने (Almond Farming) की प्रक्रिया लंबी होती है और इसके लिए शारीरिक और मानवीय दोनों तरह की ऊर्जा की बहुत अधिक आवश्यकता होती है.

  • बादाम को निकलने के लिए सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है. बता दें कि एक आवश्यक आकार तक पहुंचने के लिए केवल एक बीज को 3.2 गैलन की आवश्यकता होती है.

  • ब्राजील में मौसम गर्म और शुष्क होता जा रहा है लेकिन सोयाबीन (Soybean) गर्म और नम जलवायु में सबसे अच्छी तरह से बढ़ रहा है, किसानों को यह अनुकूलित करना पड़ रहा है कि वे फसल कैसे उगाते हैं.

  • विभिन्न कीटनाशकों का उपयोग करके, और पौधों को अलग-अलग जलवायु के प्रति अधिक सहिष्णु बनने के लिए मजबूर करके, किसान सोयाबीन के उत्पादन (Soybean Production) की मात्रा को प्रभावी ढंग से बढ़ाने में सक्षम हुए हैं.

  • हालांकि, यह टिकाऊ नहीं है क्योंकि जलवायु खराब होती रहेगी. नतीजतन, यह अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक सोयाबीन का उत्पादन 86-92 प्रतिशत कम हो जाएगा.

English Summary: Prices of tomatoes, almonds, coffee and soybeans may hike Published on: 17 March 2022, 05:39 PM IST

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