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स्थानीय उत्पादों से बनेगा गंगा-तट तीर्थ स्थलों का प्रसाद, 61 मंदिरों को भी बनाया अभियान का हिस्सा

लोकल उत्पादों को पहचान दीलाने को लेकर सरकार की चल रही मुहिम में एक नई योजना को और भी शामिल कर दिया गया है. इस बार सरकार ने इस योजना को आस्था के साथ जोड़ कर लोगों तक पहुंचाने का काम किया है.

प्रबोध अवस्थी
Prasad of Ganga-bank pilgrimage sites will be made from local products
Prasad of Ganga-bank pilgrimage sites will be made from local products

भारत में गंगा नदी का आर्थिक और आस्था दोनों ही स्तरों पर बहुत ज्यादा महत्त्व है. सरकार के द्वारा वर्तमान में गंगा की सफाई को लेकर भी बहुत से प्रोजेक्ट लगातार चल रहे हैं. सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए इसमें देश के 61 मंदिरों को भी शामिल किया है. इसमें राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत एक नई पहल की शुरुआत की गई है. जिसके चलते गंगा में दूर-दूर से आए दर्शनार्थियों को उनके शहर के सबसे ख़ास पकवान के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. जी हां अब सरकार गंगा तट के सभी तीर्थ स्थलों पर लोकल में उत्पादित होने वाले ख़ास चीजों से बने पकवानों को दर्शनार्थियों को प्रसाद के रूप में वितरित कराने का प्लान बना रही है.

पांच “म” पहल की होगी शुरुआत

सरकार ने इस मिशन की शुरुआत को को लेकर पांच “म” अक्षर पहल योजना की शुरुआत की है. इन पांच “म” में मां गंगा, मंदिर, महिला, मोटा अनाज, और मधु का समावेश होगा. सरकार की यह मुहिम मोटे अनाजों को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगी. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सरकार एक साथ कई लक्ष्यों को साधने का काम कर रही है.

61 temples were included
61 temples were included

मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देगी सरकार

सरकार इस योजना के तहत बहुत से मोटे स्थानीय मोटे अनाजों को भी प्रोत्साहन प्रदान कर रही है. आपको बता दें कि सरकार पहले से ही मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए मिलेट्स योजना को पूरे देश में लागू कर चुकी है. यह योजना भारत सरकार एवं अन्य देशों के सहयोग से पूरे विश्व में खाद्यान्न की पूर्ती हेतु भी संचालित की जा रही है. अब इन्ही को और भी बढ़ावा देने के लिए सरकार इसे गंगा के तटों पर स्थित सभी धार्मिक स्थलों पर इससे बने प्रसाद के वितरण की योजना बना रही है.

वोकल फॉर लोकल को मिलेगी मजबूती

सभी शहरों के ख़ास पकवानों को प्रसाद के रूप में शामिल करने का कारण वहां के उत्पादों को देश में एक अलग पहचान दिलाना भी है. इससे देश में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना “वोकल फॉर लोकल” को एक नई पहचान दिलाना भी है. सरकार इस तरह की और भी बहुत सी योजनाओं को संचालित कर रही है. इसी प्रकार की एक योजना “एक जिला एक उत्पाद” योजना का भी संचालन सरकार द्वारा किया जा रहा है. इसमें सरकार हर एक जिले में उसकी वहां के ख़ास उत्पाद को एक नई पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है.

यह भी देखें- हिम गंगा योजना से बढ़ेगा दूध का उत्पादन, इस राज्य सरकार की है यह योजना

सरकार गंगा तट पर मिल रहे प्रसादों में अब वहीं के उत्पादों के प्रयोग पर जोर से स्थानीय लोगों ने भी इसकी सराहना की है साथ ही उन्हें इससे व्यावसायिक फायदे के बढ़ने की भी उम्मीद जागी है.

English Summary: Prasad of Ganga-bank pilgrimage sites will be made from local products, 61 temples also made part of the campaign Published on: 26 June 2023, 01:01 PM IST

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