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किसानों ने बीमा करवाया, फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन 3 साल से नहीं मिला बीमा क्लेम

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रावला व घड़साना क्षेत्र के किसानों को तीन वर्ष से फसल बीमा का क्लेम नहीं मिला है. किसान क्लेम के लिए अब इंश्योरेंस कंपनी, बैंक और कृषि विभाग के दफ्तरों का चक्कर लगाने पर मजबूर हैं. ऐसे हालातों को देख या सोचकर जो एक बात जहन में आता है, वो यह है कि बार-बार ऐसी घटनाएँ किसान और गरीबों के साथ ही क्यों होती हैं. क्लेम मांगे जाने पर बीमा कम्पनी का कहना है कि राज्य व केंद्र से बीमा क्लेम का शेयर नहीं मिलने तथा पोर्टल में तकनीकी दिक्कत के कारण डाटा ऑनलाइन होने से भुगतान अटका हुआ है.

प्राची वत्स
फसलों को नुकसान हुआ लेकिन नहीं मिला पैसा
फसलों को नुकसान हुआ लेकिन नहीं मिला पैसा

फसलों की सुरक्षा हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई है,  जिसके तहत किसानों की फसल अगर खराब होती है, तो उसके लिए किसानों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. PMFBY योजना की शुरुआत 13 मई 2016 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयी थी. इसमें किसानों के आर्थिक स्थिति को दखते हुए काफी कम प्रीमियम राशि तय की गई है.

खरीफ़ पर 5% व रबी पर मात्र 1.5% प्रीमियम राशि सरकार द्वारा निर्धारित की गयी है, लेकिन आज हम इस योजना के बारे में ज्यादा चर्चा ना करते हुए हम बात इसमें हो रही लापरवाही और धांधली के बारे में बात करेंगे.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रावला व घड़साना क्षेत्र के किसानों को तीन वर्ष से फसल बीमा का क्लेम नहीं मिला है. किसान क्लेम के लिए अब  इंश्योरेंस कंपनी, बैंक और कृषि विभाग के दफ्तरों का चक्कर लगाने पर मजबूर हैं. ऐसे हालातों को देख या सोचकर जो एक बात जहन में आता है, वो यह है कि बार-बार ऐसी घटनाएँ किसान और गरीबों के साथ ही क्यों होती हैं. क्लेम मांगे जाने पर  बीमा कम्पनी का कहना है कि राज्य व केंद्र से बीमा क्लेम का शेयर नहीं मिलने तथा पोर्टल में तकनीकी दिक्कत के कारण डाटा ऑनलाइन होने से भुगतान अटका हुआ है.

कृषि विभाग के अनुसार वर्ष 2018-19 में खरीफ सीजन में रावला व घड़साना के 1654 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपने फसलों का बीमा करवाया था. बीमा करवाने पर किसानों ने 22 लाख 92 हजार 857 रुपए का प्रीमियम पालिसी का भी भुक्तान किया. राज्य व केंद्र सरकार ने अपने हिस्से के 1करोड़ 49 लाख 12 हजार 935 रुपए संबंधित बीमा कंपनी को भेजी. इस प्रकार किसानों की कुल बीमित राशि 9 करोड़ 7 लाख 4 हजार 219 रुपए बनती है.

इस राशि में बीमा में दी गई गारंटी से कम फसलों का उत्पादन होने पर किसानों का लाखों रुपए का बीमा क्लेम बकाया चल रहा है. रावला व घड़साना के किसानों ने बैंक के बाहर धरना-प्रदर्शन कर विरोध भी किया, तो उन्हें भुगतान का आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त करवा दिया गया, लेकिन इसको लेकर प्रसाशन और सरकार की ओर से क्लेम अभी तक नहीं मिला है.

कहाँ अटका बीमा क्लेम

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2018-19 में एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड जयपुर ने किसानों का बीमा किया था. अब किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी व बैंक ने सही समय पर पोर्टल पर ऑनलाइन डाटा अपलोड नहीं किया है. जिस कारण किसानों का बीमा क्लेम तीन वर्ष से भी अधिक समय से अटका हुआ है.

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केंद्र सरकार-50 प्रतिशत

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों ने वर्ष 2019 में खरीफ सीजन में फसलों का बीमा करवाया था. इस बीच फसलों को भारी नुकसान हुआ. जिसके बाद किसानों को बिमा कंपनी से उम्मीद थी कि उन्हें मुआवजा की राशि मिलेगी. लेकिन बैंक,बीमा कंपनी व कृषि विभाग की लापरवाही से तीन वर्ष से क्लेम की राशि नहीं मिल पाई है.

बीमा कंपनी का कहना है कि पोर्टल में तकनीकी दिक्कत के कारण डाटा ऑनलाइन अपडेट नहीं हुआ. इस कारण वर्ष 2019 में श्रीगंगानगर जिले के किसानों का बीमा क्लेम को लेकर दिक्कतें हो रही हैं. राज्य व केंद्र से बीमा क्लेम का शेयर मिलने पर भुगतान किया जाएगा.

English Summary: Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: Why farmers did not get insurance claim money Published on: 19 February 2022, 12:07 PM IST

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