राजस्थान के कुछ इलाकों में पिछले छह सात महीनों से टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है. टिड्डियां फसलों को जमकर नुकसान पहुंचा रही हैं. नतीजतन किसान बहुत ज्यादा परेशान है. बता दे कि पहले किसान खरीफ फसलों में भी टिड्डियों के द्वारा फसलों को पहुंचा गए नुकसान का खामियाजा भुगत चुके हैं और अब रबी सीजन की फसल को टिड्डियों के द्वारा पहुंचाए जा रहे नुकसान से परेशान हैं. राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. हालांकि टिड्डियों को नियंत्रित करने की कोशिश भी राज्य सरकार की ओर से लगातार जारी हैं. टिड्डी नियंत्रण टीम, कृषि विभाग, सिविल डिफेंस, किसान सभी मिलकर टिड्डियों का खात्मा करने में जुटे हुए हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जैसलमेर में जिला मुख्यालय के समीप डाबला समेत आसपास के क्षेत्र में टिड्डी दल का कहर लगातार जारी है. पाली, बाड़मेर, सिरोही के साथ अन्य कई स्थानों पर भी टिड्डियों का कहर जारी है. किसान टिड्डियों का खात्मा करने के लिए दिन के साथ ही इस सर्दी में रात में भी कीटनाशक का छिडक़ाव कर रहे हैं. हालांकि कई स्थानों पर टिड्डियों के नियंत्रण में सरकारी सहायता नहीं मिलने से किसानों में रोष भी है.
किसानों ने करवाया प्रधानमंत्री फसल बीमा
दिसंबर माह के दौरान दो बार टिड्डी दल का हमला होने के बाद राजस्थान के किसानों को जिला प्रशासन ने इस तरह जागरूक किया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाकर प्रथम स्थान हासिल कर लिया है. प्रदेश में गैर ऋणदाता वाले कुल 36 हजार 301 किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम राशि भरकर बीमा करवाया था, उसमें से जालोर जिले के 33 हजार 922 किसान शामिल हैं. जबकि शेष 32 जिलों के केवल 2379 किसानों ने बीमा करवाया है. वहीं दूसरे स्थान पर बूंदी जिला रहा, जहां पर 572 व तीसरे नंबर पर जैसलमेर में 323 किसानों ने बीमा करवाया हैं. दरअसल, प्रदेश में यह पहली बार हुआ है कि गैर ऋणदाता के 36 हजार 301 किसानों ने बीमा की प्रीमियम राशि भरकर बीमा करवाया गया है, इससे पहले 2 से 3 हजार के भीतर किसान बीमा करवाते थे.
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