खेती में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए सरकार नये-नये प्रयास कर रही है. पिछले कुछ दिनों में ऐसे उदाहरण देखे गए हैं जिसमें कई युवा मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब छोड़कर खेती में लग गए हैं. सरकार अब एक योजना के तहत शिक्षित युवाओं को कृषि से जोड़ने का प्रयास करगी. सरकार 'अभ्यास' योजना के तहत युवाओं को कृषि से जोड़ेगी. येजना न केवल आर्थिक लाभ अर्जित करेगी बल्की दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभ्यास योजना के तहत विज्ञान से स्नातक करने वाले छात्रों को उनकी इच्छा वाले क्षेत्र में कृषि सेवा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि चार-पांच माह के प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने उपक्रम स्थापित करने के लिए सस्ती दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
डॉ. महापात्रा ने कहा कि युवा कई तरह के कार्य जैसे एग्री क्लीनिक, मृदा जांच केंद्र या कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान पर कार्य कर सकते हैं और इससे वो दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों को रोजगार तो मिलेगी ही और इसेक साथ ही किसानों की समस्या का समाधान भी होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए अलग से एक कोष की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कृषि क्षेत्र में केवल पांच प्रतिशत युवाओं के जुड़े होने पर भी चिंता व्यक्त की, और कहा कि ग्रमीण क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए देश के 25 राज्यों के अलग-अलग जिलों में कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक आरएस परोदा ने भी युवाओं को खेती के लिए प्रेरित किया और कई बातें साझा की.
कृषि जागरण डेस्क
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