नया सीजन शुरू होते ही आलू किसान बेहाल हो गए हैं। उनकी मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। नई फसल के लिए कोल्ड स्टोरेज खाली करने के दबाव के बीच आलू के प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के स्टॉकिस्ट और गोदाम मालिकों को 20 से 25 पैसे प्रति किलोग्राम के भाव आलू बेचना पड़ रहा है।
यही नहीं, किसान और स्टॉकिस्ट कोल्ड स्टोरेज से अपना माल निकाल नहीं रहे हैं क्योंकि गोदाम से निकालकर मंडी तक लाने में जितना खर्च आता है, उससे काफी कम भाव पर आलू बिक रहा है। यही वजह है कि आगरा के कोल्ड स्टोरेज मालिक सड़कों पर आलू फैंक रहे हैं। काफी मात्रा में आलू को खेतों में भी डाला जा रहा है ताकि अगली फसल से पहले बतौर जैविक खाद उसका इस्तेमाल किया जा सके।
देश के दूसरे हिस्सों के आलू किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी उपज की कीमत उत्पादन लागत से भी कम हो गई है। कुछेक जगहों को छोड़ दें तो देशभर में आलू के दाम 4 से 5.50 रुपए प्रति किलो हैं, जबकि उसकी उत्पादन लागत 5 रुपए प्रति किलो के आसपास आती है।
आगरा में आलू स्टॉकिस्ट विराज ट्रेडर्स के मालिक विशाल जैन ने कहा कि किसानों और स्टॉकिस्टों के पास कोल्ड स्टोरेज से अपना समूचा आलू निकालने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है क्योंकि 15 फरवरी से आने वाली नई फसल के लिए कोल्ड स्टोरेज में जगह बनानी है। कोल्ड स्टोरेज की साफ-सफाई और मुरम्मत आदि के लिए भी कम से कम 6 हफ्ते का समय चाहिए, इसलिए शीत गृहों के मालिक 31 दिसम्बर से पहले पूरा स्टॉक खाली करना चाहते हैं।
आलू किसान मुश्किल में, 25 पैसे प्रति किलो बिक रहा आलू...
नया सीजन शुरू होते ही आलू किसान बेहाल हो गए हैं। उनकी मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। नई फसल के लिए कोल्ड स्टोरेज खाली करने के दबाव के बीच आलू के प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के स्टॉकिस्ट और गोदाम मालिकों को 20 से 25 पैसे प्रति किलोग्राम के भाव आलू बेचना पड़ रहा है।
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