प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होने के लिए किसानों के पास अब सिर्फ 22 दिन का वक्त बचा है, लेकिन जो लोग किसान क्रेडिट कार्ड धारक है और इस स्कीम में नहीं जुड़ना चाहते उनके लिए भी एक सूचना है. उन्हें 24 जुलाई तक बैंक में लिखित सूचना देकर बताना होगा कि वे फसल बीमा नहीं करवाना चाहते. वरना बैंक ऑटोमेटिक KCC लोन की रकम में से बीमा का प्रीमियम काट लेगा. इस तरह किसानों को नुकसान हो सकता है.
खाद की कालाबाजारी की तो, दर्ज होगा केस
अब किसान यूरिया या अन्य खादों की कालाबाजारी का शिकार नहीं होंगे, क्योंकि डीलर खादों के दाम उतना ही लेंगे, जितना बोरी या बैग पर लिखा होगा. अगर उससे एक रुपया भी ज्यादा लिया तो फौरन डीलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. बता दें यह नया आदेश बिहार सरकार द्वारा लागू किया गया है.
घट सकता है भारतीय चाय का निर्यात
भारतीय चाय उद्योग का निर्यात 2021 में तीन से चार करोड़ किलो घट सकता है. इसका मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में कम लागत वाली चाय के किस्मों की उपलब्धता और मजबूत आयात रहे देशों में व्यापार पर जारी प्रतिबंध है. इससे चाय उत्पादकों पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
दो दशक में बढ़ा दूध का ढाई गुना उत्पादन
हरियाणा में श्वेत क्रांति के चलते पिछले दो दशक में दूध उत्पादन में ढाई गुना वृद्धि दर्ज हुई है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार दूध उत्पादन में वृद्धि के पीछे प्रदेश सरकार की नस्ल सुधार योजना में बड़ा योगदान है. कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से दूध उत्पादन में प्रदेश लगातार समृद्ध हो रहा है.
धान के लिए 2 घंटे ज्यादा मिलेगी बिजली
मानसून की देरी और डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि से परेशान किसानों के लिए हरियाणा सरकार ने कृषि क्षेत्र में सप्लाई होने वाली बिजली के घंटे बढ़ाने का फैसला लिया है, जिस पर हरियाणा के किसान कुलबीर सिंह ने कृषि जागरण के साथ अपनी खुशी जाहिर की है-
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महाराष्ट्र से दुबई भेजा गया केला
कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश जारी है. सरकार का उदेश्य है कि किसानों के उत्पादों को एक अच्छा बाजार मिले और उन्हें उचित दाम प्राप्त हो, जिससे वे समृद्ध जीवन जी सके. इसी कड़ी में एपीडा की मदद से अलग-अलग प्रमाणित कृषि उत्पादों को दूसरे देशों को निर्यात किया जा रहा है. ऐसे में अब महाराष्ट्र के जलगांव जिले से विशेष किस्म के केले को एपीडा की मदद से दुबई एक्सपोर्ट किया गया है.
किसानों की आय का जरिया बना ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट की खेती को लेकर किसानों के बीच रुचि बढ़ रही है. यह किसानों की आय का भी अच्छा जरिया बन चुका है. बता दें गुजरात के किसानों में इसके उत्पादन को लेकर तेजी से रुचि बढ़ी है. यही वजह है कि भावनगर जिले के वावड़ी गांव के एक किसान ने कम पानी और कम खर्च करके सिर्फ चार बीघा जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती से 3.5 लाख रुपये की कमाई की है.
मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए जल्द करें रजिस्ट्रेशन
खेती के तौर-तरीके बदलकर जल संरक्षण करने वाली योजना मेरा पानी-मेरी विरासत का फायदा लेने के लिए अब सिर्फ 3 दिन का वक्त बचा है. किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए 15 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. जिसमें किसानों को सात से 10,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. लेकिन इसके लिए धान की खेती के बदले दूसरी कम पानी वाली फसलें लगानी होंगी या फिर खेत को खाली छोड़ना होगा.
अब खेत में जाकर मिट्टी की जांच करेंगे कृषि वैज्ञानिक
अब चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि वैज्ञानिक खुद किसानों के खेत में जाकर मिट्टी और पानी की जांच करेंगे. ताकि किसानों को इसके लिए परेशानी का सामना न करना पड़े और जांच सही तरीके से हो पाए. अब मिट्टी-पानी की जांच के लिए हिसार स्थित लैब के अलावा, यह सुविधा नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से भी किसानों को उपलब्ध की जाएगी.
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