प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को प्रगति मैदान के राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में शामिल हुए. भारत सरकार हर साल 7 अगस्त को देश में खादी के महत्व को बढ़ाने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रुप में मनाती है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य बुनकरों और शिल्पकारों के कार्यो को महत्त्व दिया जाना है.
‘एक जिला, एक उत्पाद’ पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार की कोशिश है कि भारत को हथकरघा, खादी और कपड़ा क्षेत्र में विश्व गुरु बनाया जाए. देश में पहले से ही ‘एक जिला, एक उत्पाद’ पहल के माध्यम से विभिन्न राज्यों के विभिन्न जिलों में बन रहे अनोंखें उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
खादी उद्योग को पूनर्जीवित करने का प्रयास
वहीं कार्यक्रम में मौजूद जनता को संबोधित करते हुए कि " इस दिन ही अंग्रेजों के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी. इस आंदोलन की याद में हमारी सरकार ने आज के दिन को ही राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. हमारी पूरानी सरकारों ने आजादी के बाद खादी उद्योग को मजबूत करने पर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया, जिस कारण देश में खादी उद्योग का पतन होने लगा था, लेकिन आज हम फिर से इस खादी उद्योग को पूनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं.
इस कार्यक्रम का ये है मुख्य उद्देश्य
इस आयोजित कार्यक्रम में कपड़ा और छोटे उद्योगिक क्षेत्रों के जुड़े 3,000 से अधिक खादी बुनकर और कारीगर शामिल हुए. इस कार्यक्रम के माध्यम से पूरे भारत में हथकरघा समूहों, बुनकर सेवा केंद्रों, भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान परिसरों, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम, हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) जैसे संस्थानों और विभिन्न राज्य के हथकरघा विभागों को एक साथ एक मंच पर लाना था.
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भारत देश में खादी की लोकप्रियता को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, खादी की बिक्री देश में अब बढ़कर 1.30 लाख करोड़ रुपये की हो गई है जो 2014 से पहले करीब 30,000 करोड़ रुपये की थी. इस दौरान मोदी ने कपड़ा व फैशन उद्योग से अपना दायरा बढ़ाने और भारत को दुनिया की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में ले जाने में कपड़ा उद्योग के योगदान का भी जिक्र किया.
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