उत्तराखंड में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रबी के गेहू फसल के लिए लागू किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार ने एग्रीकल्चर कंपनी ऑफ लिमिटेड को दी है. किसानों को इस बीमा योजना का लाभ लेने की अंतिम तारीख 15 दिसंबर निर्धारित है.
उत्तराखंड में रबी की फसल गेंहू के लिए प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना चलाई गई है. इस योजना के माध्यम से किसान अपनी फसल का बीमा बहुत ही कम प्रीमियम पर करा सकते है. बीमा का प्रीमियम अलग-अलग जिलों के लिए भिन्न-भिन्न है. चम्पावत जिले में 41667 रूपये के दर से प्रति हेक्टेयर बीमा किया जा रहा है, जिसके लिए किसान को केवल डेढ फीसद(625) रूपये प्रति हेक्टेयर के दर से देना होगा. फसल बीमा का और शेष भाग (95.5 फीसद) राज्य सरकार वहन करेगी। इसका लाभ उठाने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है. अब तक जिले में 200 से ज़्यादा किसान इसके लिए आवेदन कर चुके है.
बता दें, जिन किसानों का ऋण खाता 1 अक्टूबर से अब तक क्रियाशील है वे सभी किसान स्वतः ही इस योजना में शामिल कर लिए जायेंगे. इसके आलावा जो किसान इसका लाभ लेना चाहते है वे किसान कृषि विभाग के प्रभारी अथवा नजदीकी बैंक शाखा, सरकारी समिति, सीएससी सेंटर, एग्रीकल्चर इंशोरेंस कंपनी से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
यदि किसानों को फसल उत्पादन में नुकसान होता है तो उन्हें बीमा का लाभ फ़सल क्षति मूल्यांकन, निर्धारण व दावा भुगतान प्रक्रिया के आधार पर मिलेगा, जिसमें प्राकृतिक आपदा, सूखा, जल प्लावन, व्यापक आधार पर एवं व्याधियों का प्रभाव, भूस्खलन, आग, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात आदि से फसल को नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति का लाभ देय होगी। इन सभी कारणों से फसल नुकसान होने पर किसान को फसल कटाई के पहले या बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल की जानकारी एआइसी को 72 घंटे के भीतर देना आवश्यक है. बुवाई न हो पाने, फसल को नुकसान होने की स्थिति में नियमानुसार अधिकतम 25 प्रतिशत तक का दावा भुगतान किया जा सकता है.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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