भारत में निर्मित खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने व उसके महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए गुरूग्राम के लीला होटल में फिक्की द्वारा भारत निर्मित खाद्य उत्पादों के क्रेता विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे गई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस सम्मेलन में पतंजलि के सीईओ व दिग्गज आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। आचार्य बालकृष्ण बतौर मुख्य वक्ता इस सम्मेलन में शिरकत करने आये थे। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि आज कल मिलावट खोरी का दौर चल पड़ा है। हर सामान में मिलावट होना आम बात हो गई है। इसी के चलते कुछ विरोधी कंपनियों ने पतंजलि के उत्पादों में भी मिलावट होने का आरोप लगाया लेकिन वे सभी आरोप निराधार निकले। जांच कमेटी के सदस्यों ने पतंजलि के उत्पाद को शुद्ध बताया। यही कारण है कि देश के अलावा विदेश के लोग भी पतंजलि के उत्पाद को खूब पसंद कर रहे हैं।
आचार्य ने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि आज कल जैविक खेती करने का फैशन चल निकला है जिसके चलते कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है। किसानों को जैविक खेती पर ज्यादा जोर न देकर उच्च गुणवत्ता वाले व पौष्टिकता के सारे मानकों पर खरे उतरने वाले उत्पादों को उगाने पर ध्यान देना चाहिए। बालकृष्ण ने मिलावट करने वाली कंपनियों को खूब लताड़ा। उन्होंने कहा कि मिलावट करने वाली कंपनियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि किसान ऐसे कंपनियों से बचे जो उनके उत्पादों को सस्ते में खरीद कर उनमें मिलावट कर महंगे दामों में बेचते है। ऐसी कंपनियों के उत्पादों से भारत की जनसंख्या रोगी हो रही है। पतंजलि के उत्पादों को सही करार देते हुए उन्होने कहा कि हमारे उत्पाद पूरी तरह से शुद्ध व प्रमाणित है जिनमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं की जाती है। भारत निर्माण में पतंजलि पूरी तरह से मुख्य भूमिका निभा रही है। आने वाले समय में भी पतंजलि भारत के लोंगो, भारत के किसानों और भारत देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहेगी। इस अवसर पर कृषि जागरण के संवाददाता ने उनसे मुलाकात कर पतंजली व उसके विकास कार्यों पर चर्चा की।
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