खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया जारी है, जिस प्रकार से पिछले सत्रों में होती रही है. खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारु रूप से चल रही है. इसी क्रम में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा से धान की खरीद की जा रही है.
14 फरवरी 2021 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 639.87 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि इसी समान अवधि में पिछले वर्ष केवल 554.35 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी.
इस वर्ष में अब तक की गई धान की खरीद में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 15.42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज देखी गई है. 639.87 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.82 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 31.69 प्रतिशत है.
इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 51 लाख 92 हज़ार मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है.
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है. इसके अतिरिक्त गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से रबी विपणन सत्र 2020-2021 के लिए 15.87 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई थी.
वहीं, 14.02.2021 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 3,09,134.83 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है. इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 1,67,637 किसानों को 1,664.79 करोड़ रुपये की आय हुई है.
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